केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने सोमवार को बताया कि कोट्टायम के सरकारी नर्सिंग कॉलेज में रैगिंग की क्रूर घटना में शामिल पांच छात्रों को संस्थान से बर्खास्त किया जाएगा।
विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान जॉर्ज ने इस घटना को केरल समाज की अंतरात्मा को झकझोर देने वाली घटना बताया। उन्होंने कहा, “पांचों आरोपी छात्र पहले से ही निलंबित हैं और उन्हें कॉलेज से बर्खास्त करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इस संबंध में जल्द ही एक आधिकारिक आदेश जारी किया जाएगा।”
विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस विधायक सजीव जोसेफ ने इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्यौरा मांगा और पूछा कि क्या आरोपियों का रैगिंग के मामलों में संलिप्त होने का कोई इतिहास है।
इस पर जॉर्ज ने जवाब दिया, "वे पहले रैगिंग की किसी घटना में शामिल नहीं थे और उनके खिलाफ ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।" मंत्री ने कॉलेज प्रशासन की ओर से गंभीर चूक की बात भी स्वीकार की। उन्होंने कहा, "इसी वजह से कॉलेज के प्रधानाचार्य और प्रभारी सहायक वार्डन को निलंबित कर दिया गया है।"
जॉर्ज ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करेगी और केरल स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (केयूएचएस) के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजों में रैगिंग पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के दिशानिर्देशों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करेगी।
पिछले महीने हुई रैगिंग की क्रूर घटना से राज्य में व्यापक जन आक्रोश फैल गया था। यह दुर्व्यवहार लड़कों के छात्रावास में हुआ, जिसमें प्रथम वर्ष के नर्सिंग छात्रों को निशाना बनाया गया। इस मामले में तृतीय वर्ष के पांच छात्रों को गिरफ्तार किया गया।
कोट्टायम की एक अदालत द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद गिरफ्तार छात्र फिलहाल जिला जेल में हैं।