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सिंहस्थ कुंभ: दूसरे शाही स्नान में तेज आंधी-बारिश से 7 घायल

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में एक माह तक चलने वाले महाकुंभ सिंहस्थ मेले के दूसरे शाही स्नान के दिन सोमवार को दोपहर बाद ओलावृष्टि, भारी बारिश और तेज हवाओं ने लोगों का मजा किरकिरा कर दिया। तेज तूफान औऱ ओलावृष्टि की वजह से विभिन्न घटनाओं में 7 लोग घायल हो गए हैं।
सिंहस्थ कुंभ: दूसरे शाही स्नान में तेज आंधी-बारिश से 7 घायल

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ कुंभ में तेज आंधी, ओलावृष्टि और भारी बारिश ने  एक बार फिर सोमवार को खलल डाला। दोपहर बाद आए तूफान में एक पेड़ के गिरने से उसकी चपेट में आकर कुछ लोग घायल हो गए। उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोहर वर्मा ने बताया, सिंहस्थ मेले के बड़नगर इलाके में तेज हवाओं से एक पेड़ गिर गया जिसकी चपेट में आने से कुछ लोग घायल हुए हैं। सभी घायल तीर्थयात्री बताए जा रहे हैं। इसके अलावा मंगलनाथ क्षेत्र में भी तीन शिविर क्षतिग्रस्त हुए हैं। दोपहर बाद कुंभ नगरी में तेज हवाएं और भारी बारिश होने से यह धार्मिक मेला दूसरी बार प्रभावित हुआ है।

 

सिंहस्थ का शाही स्नान सोमवार तड़के शुरू हुआ और मौसम का मिजाज दोपहर करीब तीन बजे बिगड़ना शुरू हो गया। तेज बारिश और ओलों से बचने की लिए शाही स्नान में शामिल होने आए श्रद्धालुओं की भीड़ आश्रय पाने के लिये इधर-उधर भागती नजर आई। जिला कलेक्टर कवींद्र कियावत ने बताया, किसी जनहानि और संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ इलाकों में ओले भी गिरे हैं। उन्होंने दावा किया कि सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान के मौके पर शहर में मौसम बिगड़ने से पहले लगभग 30 लाख श्रद्धालु क्षिप्रा नदी में पवित्र स्नान कर चुके थे। आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए सिंहस्थ में आए हिन्दू श्रद्धालुओं को बारिश के दौरान तोपखाना स्थित हरी मस्जिद में भी रूकने का इंतजाम किया गया है। प्रदेश सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सड़क मार्ग से भोपाल से उज्जैन के लिए रवाना हो गए हैं।

 

गत पांच मई को मेला क्षेत्र में तेज आंधी-बारिश से सात लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 90 लोग घायल हो गए थे। मौसम की मार से मेला क्षेत्र में लगाए गए श्रद्धालुओं अैर विभिन्न अखाड़ों के कई अस्थाई तम्बू, पंडाल, और शिविरों के भव्य द्वार धराशायी हो गए थे और पूरे मेला क्षेत्र में कीचड़ व्याप्त हो गया था। इस ऐतहासिक शहर में आज दोपहर बाद शुरू हुई बारिश कई घंटों तक जारी रही। सिंहस्थ के दूसरे शाही स्नान में हिस्सा लेने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब यहां उमड़ा हुआ है। यह स्नान अक्षय तृतीया के साथ पड़ने की वजह से और भी अधिक शुभ माना जा रहा है। आज के स्नान की शुरूआत करते हुए जूना अखाड़ा के नागा बाबाओं ने हर-हर महादेव का जयकारा लगाते हुए पवित्र क्षिप्रा नदी में प्रवेश किया। मेले में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों से लोग जुटे हैं। महाकुंभ मेले का आयोजन हर 12 साल बाद किया जाता है। उज्जैन को देश में मौजूद 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और भगवान महाकालेश्वर का निवास भी माना जाता है। इस बार, मेला क्षेत्र में किन्नरों ने भी अपना अखाड़ा बनाया है और उन्होंने शहर में एक जुलूस भी निकाला। इस जुलूस का लोगों ने भव्य स्वागत किया। किन्नरों ने भी आज शाही स्नान करने की घोषणा की थी, लेकिन अब उन्होंने इसे 12 मई तक के लिए टाल दिया है।

 

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