दरअसल, पार्टी के मेरठ के जिलाध्यक्ष विनय प्रधान ने मंदसौर की घटना को लेकर एक व्हॉट्सऐप ग्रुप में मैसेज डाला था। इस मैसेज में उन्होंने राहुल गांधी की तरीफ की थी, लेकिन तारीफ करते हुए राहुल गांधी को कई बार पप्पू कहा था। यह बात जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर को पता चली तो उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा। इसके बाद विनय प्रधान को पार्टी के जिलाध्यक्ष पद समेत सभी पदों से हटा दिया गया और पार्टी से भी सस्पेंड कर दिया गया।
गौरतलब है कि जिलाध्यक्ष की इस तरह की हरकत पार्टी को नागवार रही, जिसके बाद पार्टी ने इस तरह का कदम उठाया। राहुल गांधी की तारीफ में विनय प्रधान ने लिखा था कि राहुल गांधी जिसे देश का एक हिस्सा पप्पू के नाम से भी जानता है। आज आप बताएं कि क्या पप्पू ने कभी महंगी गाड़ियों का शौक पाला? जबकि वो पाल सकते थे। कभी अंबानी, अडानी, माल्या की पार्टी में शामिल नहीं हुआ न, जबकि शामिल हो सकते थे। पप्पू ने कभी शान-शौकत का प्रदर्शन किया? नहीं परंतु कर सकता था। पप्पू मंत्री और पीएम भी बन सकता था पर बना? नहीं। जबकि मनमोहन सिंह तो उनको पीएम बनाने का इशारा कर चुके थे। पप्पू से पूरे दस साल अंबानी, अडानी मिलना चाहते रहे।
2004 से 2014 तक सरकार रही और पप्पू के एक इशारे पर सरकार के मंत्री उनका काम कर सकते थे लेकिन पप्पू ने अंबानी, अडानी को 5 मिनट का समय भी नहीं दिया। क्योंकि वो पप्पू था जानता था कि ये सरकार से केवल बिजनेस करेंगे, गरीबों का खून चूसेंगे। वो अटकते हैं धारा प्रवाह नहीं बोल पाते, संघ इसीलिए पप्पू बनाने के मिशन में लग गया, परन्तु हिंदी में धारा प्रवाह भाषण देकर झूठ बोलने से बेहतर ईमानदारी से जनता के लिए संघर्ष करना है।