मनसे के दस साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बुधवार को एक कार्यक्रम के संबोधित करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि मुंबई में 70 हजार नए ऑटो खरीदने में भ्रष्टाचार हुआ है जिसके लिए भाजपा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने परमिट जारी किया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा-नीत सरकार ने ये परमिट जारी करने में जल्दबाजी की और ऑटो बनाने वाली एक खास कंपनी को लाभ पहुंचाया जिसके तहत प्रत्येक ऑटो 1.7 लाख रुपये में खरीदा गया। उन्होंने कहा, ‘मुझे बताया गया कि सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों से प्रतिदिन 3500 परमिट जारी करने के लिए कहा गया था। इसके लिए राज्य में कम से कम 15 साल तक रहने की अनिवार्य नागरिकता बाद में साबित करने की शर्त रखी गई थी। लेकिन जल्दबादी किस बात की है? मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस से पूछना चाहता हूं कि वह क्यों आनन-फानन में यह फैसला कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने आपको बता दिया है कि क्या हुआ। अब मैं आपसे पूछूंगा कि आप क्या करने जा रहे हैं। जहां कहीं आपको नए नंबर प्लेट वाले नए ऑटो रिक्शा दिखे, उन्हें रोंके, यात्री और चालक को उतारकर रिक्शा को जला दें।’ ठाकरे के मुताबिक लगभग 70-72 प्रतिशत परमिट उन्हीं लोगों को जारी किए गए हैं जो राज्य से बाहर के हैं।