राजस्थान की गहलोत सरकार ने स्कूली पुस्तकों से नोटबंदी का जिक्र हटाने का फैसला लिया है। अब किताबों को संशोधित करके मौजूदा सत्र के लिए दोबारा प्रकाशित किया जाएगा।
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि नोटबंदी सबसे असफल प्रयोग था। प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के तीन उद्देश्य बताए थे- आतंकवाद और भ्रष्टाचार का खात्मा और कालाधन वापस लाना। इनमें से कोई भी उद्देश्य पूरा नहीं हुआ और लोगों को कतार में खड़ा होने के लिए मजबूर होना पड़ा। और तो और, देश पर 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बोझ पड़ गया।'
भाजपा सरकार ने किया था शामिल
गौरतलब है कि पूर्व की भाजपा सरकार ने 2017 में 12वीं की राजनीति विज्ञान की किताब में नोटबंदी को शामिल किया था। इस पुस्तक में केंद्र सरकार के 500 और 1000 के नोटों को बंद करने के फैसले को 'ऐतिहासिक' बताया था। साथ ही यह कहा गया था कि यह कवायद “कालेधन को खत्म करने का मिशन' है।
‘जौहर करती महिला कीफोटो भी हटाई गई’
अंग्रेजी अखबार से डोटासरा ने कहा कि आठवीं की किताब से जौहर करती महिला की फोटो भी हटाई गई है। उन्होंने कहा, "ऐसा महसूस किया गया कि इंग्लिश टेक्स्ट बुक में इस
तस्वीर की कोई आवश्यकता नहीं है। हमें यह भी लगता है कि आज की महिलाएं ऐसी किताबें न पढ़ें जिनमें महिलाओं को खुद को जलाते हुए दिखाया गया हो। हम उन्हें क्या सिखाना चाहते हैं?
राज्य सरकार ने किया है रिव्यू कमेटी का गठन
गौरतलब है कि 13 फरवरी को राजस्थान में नवनिर्वाचित कांग्रेस सरकार ने शिक्षाविदों की दो रिव्यू कमेटी का गठन किया था। यह कमेटी पिछली भाजपा सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव का अध्ययन करेगी और पता लगाएगी कि क्या ये परिवर्तन राजनीतिक हितों को साधने और इतिहास से छेड़छाड़ के उद्देश्य से किए गए।