अपने बयानों के चलते चर्चा में रहने वाले राजस्थान के शिक्षा मंत्री (प्राथमिक और माध्यमिक) वासुदेव देवनानी ने कहा है कि एनसीईआरटी को पाठ्यक्रम में राष्ट्रवाद पर ज्यादा जोर देना चाहिए और स्थानीय नायकों को बढ़ावा देना चाहिए। देवनानी ने कहा कि ये सुझाव उन्होंने हाल ही में हुई केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड और एनसीईआरटी की बैठक में दिए। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने गुरुवार को कहा, ''केंद्र ने सुझाव मांगा था। मैंने कहा पाठ्यक्रम में राष्ट्रवाद के साथ स्थानीय नायकों को जोड़ना चाहिए। मैंने ये भी सुझाव दिया है कि बच्चे की प्राथमिक शिक्षा उसकी मातृ-भाषा में होनी चाहिए।''
उन्होंने आगे कहा, ''शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान के काम को बैठक में सराहा गया। हमने पाठ्यक्रम में स्थानीय नायकों और बड़ी योजनाओँ जैसे स्वच्छ भारत और भामाशाह योजना को जगह दी है। हमने नोटबंदी से जुड़े अध्याय भी जोड़े है। इन सबके अलावा स्कूलों का विलय, अध्यापकों की नियुक्ति, अभिभावक मीटिंग जैसी चीजों से सरकारी स्कूलों में अच्छे परिणाम आए हैं।''
याद दिला दिया जाए कि ये वही मंत्री हैं जिन्होंने गत 14 जनवरी को अक्षय पात्र फाउंडेशन की ओर से हिंगोनिया गौशाला में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है जो ऑक्सीजन ही लेता है और यही छोड़ता है। यही नहीं इन्हें ये भी लगता है कि गाय के गोबर में रेडियोएक्टिव तत्वों को समाप्त करने की क्षमता होती है। इसके अलावा अकबर और महाराणा प्रताप पर भी अपने विचार रखते रहे हैं।