डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर फैसला आने से पहले पंचकूला में बढ़ रही डेरा समर्थकों की भीड़ पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार को जमकर फटकार लगाई है। एबीपी न्यूज के मुताबिक हाईकोर्ट ने कहा कि यदि वहां धारा 144 लगाई गई है, तो लोग कैसे जुट रहे हैं। क्यों न डीजीपी को डिसमिस कर दिया जाए। साथ ही कहा कि जरूरत पड़े तो सेना की तैनाती की जाए। कोर्ट ने कहा है कि ध्यान रहे कि जाट आंदोलन जैसी स्थिति पैदा ना हो पाए।
वकील रवींद्र धुल ने एक जनहित याचिक दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सकार द्वारा सुरक्षा व्यवस्था पर रिपोर्ट मांगी है। साथ ही डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को भी नोटिस जारी करते हुए कोर्ट ने उनसे कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग के बारे में पूछा है।
‘कोर्ट जरूर जाऊंगा, मेरे समर्थक शांति बनाए रखें’
डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने फेसबुक पर पोस्ट किया, “हमने सदा क़ानून का सम्मान किया है। हालांकि हमारी पीठ में दर्द है, फिर भी कानून का पालन करते हुए हम कोर्ट जरूर जाएंगे। हमें भगवान पर दृढ़ यकीन है। सभी शांति बनाए रखें।”
मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद
एनडीटीवी के मुताबिक, सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए पंजाब और हरियाणा सरकार ने संयुक्त फैसले में 72 घंटे के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी है। अफवाहों की वजह से स्थिति खराब हो जाती है, जिसके चलते दोनों राज्यों की सरकारों ने यह फैसला किया है।
क्या है मामला?
बाबा गुरमीत राम रहीम पर साल 2002 में साध्वियों के यौन शोषण के आरोप लगे थे। इसके बाद इसकी जांच हाईकोर्ट ने सीबीआइ को सौंप दी थी। हाई कोर्ट ने 24 सितंबर 2002 को सीबीआइ को इस मामले की जांच का जिम्मा सौंपा था। मामले पर शुक्रवार को फैसला आ सकता है।