राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट की पूरी साजिश को उजागर करने और “विदेश से आरोपियों को दिशा-निर्देश देने” में शामिल अन्य साजिशकर्ताओं की पहचान के प्रयासों के तहत मंगलवार को कई राज्यों में छापे मारे।
आधिकारिक बयान में कहा गया कि एक समन्वित कार्रवाई के तहत एनआईए टीमों ने मामले के संबंध में कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में 11 स्थानों पर छापे मारे।
मामले में 11 संदिग्धों से जुड़े परिसरों में व्यापक तलाशी ली गई। कर्नाटक के बेंगलुरु में ब्रुकफील्ड के आईटीपीएल रोड पर स्थित कैफे में एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट में कई ग्राहक और कर्मचारी घायल हो गए थे।
एनआईए ने एक बयान में कहा, ‘एनआईए ने मंगलवार को रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले की पूरी साजिश को उजागर करने और विदेश से आरोपियों को दिशा-निर्देश देने में शामिल अन्य साजिशकर्ताओं की पहचान करने के प्रयासों के तहत चार राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की।’ गत एक मार्च को हुए आईईडी विस्फोट में संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ था।
एनआईए ने कहा कि जिन 11 संदिग्धों के ठिकानों पर मंगलवार को छापे मारे गए, उनमें 2012 में बेंगलुरु और हुबली जिलों में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) साजिश मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति शामिल हैं।
तीन मार्च को जांच का जिम्मा संभालने वाली एनआईए ने 12 अप्रैल को दो मुख्य आरोपियों – सरगना अदबुल मतीन अहमद ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब (हमले का अपराधी) को कोलकाता से गिरफ्तार किया था, जहां वे पहचान बदलकर रह रहे थे। दोनों आरोपी कर्नाटक के शिवमोगा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं।
अधिकारियों ने कहा कि दोनों कथित तौर पर शिवमोगा स्थित इस्लामिक स्टेट मॉड्यूल के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि इसी मॉड्यूल के सदस्य शारिक ने 19 नवंबर, 2022 को मंगलुरु में विस्फोट किया था।
अधिकारियों ने कहा कि जिन जगहों पर छापेमारी की गई उनमें बेंगलुरु का कुमारस्वामी लेआउट और बनशंकरी भी शामिल हैं।