दिल्ली में गुरु रविदास मंदिर तोड़ने के विरोध में मंगलवार दोपहर बाद पुलिस के पहरे में पंजाब में रविदासिया समाज का आंदोलन उग्र हो गया। बंद के दौरान सूबे के सभी जिलों को हाई अलर्ट जारी किया गया है जबकि ऐहतियात के तौर पर जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला और गुरदासपुर के सारे स्कूल और कॉलेज बंद रहे।
जालंधर में दिल्ली हाईवे को बंद कर प्रदर्शनकारियों ने पंजाब बंद का आगाज कर दिया था लेकिन दोपहर 12 बजे के बाद विभिन्न शहरों में हजारों की तादाद में लोग सड़कों पर उतर आए। इस दौरान कुछ शहरों में खुली दुकानों को लेकर बहसबाजी और झड़प की घटनाएं भी हुईं मगर पुलिस के पहरे में हालात भी नियंत्रण में रहे। वहीं, रविदास समुदाय ने 21 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर में प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
शहर जिनमें अधिक दिखा बंद का असर
रविदासिया समाज के लोंगों की सर्वाधिक आबादी जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला और गुरुदासपुर में है। इन्हीं जिलों में आंदोलन का सबसे ज्यादा असर दिखा। आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन था इसलिए शांतिप्रिय ढंग से लोग प्रदर्शन करते रहे। जालंधर और लुधियाना से सुबह आंदोलन की शुआत हुई इसके बाद मोगा, समाना, पटियाला और तलवंडी साबों में भी लोग घरों से बाहर निकल कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके अलावा पठानकोट, होशियारपुर, बरनाला, गुरदासपुर, मलोट, मोहाली, नवांशहर, भवानी गढ़ और फाजिल्का में भी मंदिर तोडऩे के विरोध में लोगों ने केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी भड़ास निकाली।
पंजाब कांग्रेस कर रही है समर्थन
इस बीच पंजाब सरकार में मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और अरुणा चौधरी और पंजाब के एससीएसटी मंत्री साधू सिंह धर्मसोत भी पंजाब बंद के समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर तोड़े जाने से रविदास समुदाय के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। धर्मसोत ने कहा कि सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने पत्र लिखकर पीएम मोदी को स्थिति से अवगत करवाकर दोबारा मंदिर निर्माण की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। चरणजीत सिंह चन्नी और अरुणा चौधरी ने बीते सोमवार को ऐतिहासिक मंदिर को गिराए जाने के फैसले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का एजेंडा करार दिया था।