उत्तर प्रदेश के उन्नाव में रेप और जम्मू-कश्मीर के कठुआ में नाबालिग बच्ची से गैंगरेप के बाद केंद्र की भारतीय जनता पार्टी को लोगों के विरोध का शिकार होना पड़ रहा है। लोग भाजपा के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में लोगों ने सरकार के प्रति अपना विरोध जाहिर करने के लिए मोहल्ले के बाहर पोस्टर चिपकाए हैं। इनमें लिखा गया है कि मोहल्ले में भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं का आना मना है, क्योंकि यहां महिलाएं और बच्चियां रहती हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक पोस्टर्स शिव कुटी कॉलोनी में चिपकाए हैं।
Allahabad: Residents of Shivkuti colony have put posters outside their houses, stating 'entry of politicians & members of BJP is prohibited'. Locals say this has been done due to alleged role of BJP workers in increasing number of rapes & crime against women. pic.twitter.com/K7CCd4IHdL
— ANI UP (@ANINewsUP) April 14, 2018
क्या है कठुआ रेप मामला?
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची के रेप और हत्या के तीन महीने बाद इस घटना को लेकर देशभर में हंगामा हो रहा है। पुलिस की अपराध शाखा ने सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पेज का आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बकरवाल समुदाय की इस बच्ची का अपहरण, बलात्कार और उसकी हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी। कथित तौर पर आठ साल की इस बच्ची को रासना गांव में देवीस्थान मंदिर में कई दिनों तक बंधक बनाकर रखा गया और सेवादार समेत कई लोगों ने कई बार उसका बलात्कार किया। इस खुलासे के बाद जहां इसे साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है, वहीं इस पर लगातार राजनीति भी की जा रही है।
क्या है उन्नाव मामला?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की एक युवती भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगा रही है। मामला पिछले साल 4 जून, 17 का बताया है। जब युवती की मां ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित कुछ लोगों के खिलाफ रेप की शिकायत की थी। हाल ही में जब बीते 3 अप्रैल को विधायक के भाई अतुल ने मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया, तब 8 अप्रैल (रविवार) को पीड़िता ने परिवार समेत मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया था। 9 अप्रैल को पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई। अब इस मामले में विधायक के खिलाफ एफआईआर हो गई है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मामले को सीबीआई के हवाले कर दिया। फिलहाल आरोपी विधायक सीबीआई के गिरफ्त में है।