Advertisement

झारखंड में छठ पर पाबंदी, पक्ष-विपक्ष को एतराज, सरकार संशोधन पर मंथन में जुटी

नदी, तालाब, डैम झरनों के किनारे छठ पूजा पर रोक संबंधी झारखंड सरकार के आदेश पर सब को आपत्ति है। क्‍या...
झारखंड में छठ पर पाबंदी, पक्ष-विपक्ष को एतराज, सरकार संशोधन पर मंथन में जुटी

नदी, तालाब, डैम झरनों के किनारे छठ पूजा पर रोक संबंधी झारखंड सरकार के आदेश पर सब को आपत्ति है। क्‍या विपक्ष क्‍या सत्‍ता पक्ष। सत्‍ताधारी झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय और भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश ने तो मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर सरकार के आदेश में संशोधन की मांग की है। विनोद पांडेय ने तो इस मसले पर मुख्‍यमंत्री से मुलाकात कर आग्रह किया। राज्‍य सरकार ने रविवार देर रात प्रतिबंध का आदेश जारी किया है।

मुख्‍यमंत्री सचिवालय सूत्रों के अनुसार पक्ष- विपक्ष के आग्रह के बाद सरकार अपने आदेश में संशोधन की तैयारी में जुटी है। मंथन किया जा रहा है कि छूट कैसे और किस सीमा तक दी जाये ताकि कोरोना का खतरा भी न बढ़े। दुर्गा पूजा के मौके पर भी झामुमो और भाजपा की आपत्ति के बाद राज्‍य सरकार ने आयोजन पर प्रतिबंध में ढील दी थी।

खुद सत्‍ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडेय ने मुख्‍यमंत्री आवास में हेमंत सोरेन से मुलाकात कर छठ पर प्रतिबंध संबंधी सरकारी आदेश पर पुनर्विचार का आग्रह किया। उन्‍हें पत्र सौंपा। पत्र में लिखा कि कोविड के कारण बीते सात माह में सरहुल, रामनवमी, ईद, ईस्‍टर, स्‍वतंत्रता दिवस, करमा, विश्‍वकर्मा पूजा, दुर्गा पूजा, काली पूजा जैसे अनेक धार्मिक एवं राष्‍ट्रीय पर्व हर्षोल्‍लास को सीमित रखते हुए लोगों ने सरकार के हर दिशा निर्देश का पालन किया। छह महापर्व हिंदुओं की आस्‍था का महापर्व है। देश में झारखंड, बिहार, एवं उत्‍तर प्रदेश में छठ अपना विशेष स्‍थान रखता है। प्रतिबंध के आदेश पर पुनर्विचार की जरूरत है।

प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश ने प्रतिबंध के राज्‍य सरकार के आदेश को तुगलकी फरमान करार देते हुए इसका विरोध किया है। मुख्‍यमंत्री को पत्र लिखकर उन्‍होंने निर्णय पर पुनर्विचार का आग्रह किया है। लिखा है कि लोक आस्‍था, लोक स्‍वस्‍थ्‍य, प्रकृति एवं पर्यावरण, भगवान सूर्य और मां भगवती की पूजा से जुड़े महान छठ पर्व पर राज्‍य सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देशों ने सनातन परंपरा एवं आस्‍था में विश्‍वास करने वाले जन मन को आहत किया है। उनके दिलों पर गहरी चोट पहुंची है। राज्‍य सरकार की जिम्‍मेदारी है कि कोविड को भी रोके और जन आस्‍था के साथ खिलवाड़ भी न हो। इस प्रकार का व्रत सब के लिए घर में मनाना संभव नहीं है।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्‍यक्ष राजेश ठाकुर ने नदी, तालाब, डैम किनारे छठ पूजा नहीं करने के आदेश पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह निर्णय छठ के प्रति आस्‍था और विश्‍वास को ठेस पहुंचाने वाला निर्णय है। अधिकारी केवल कोविड को केंद्र में रखकर निर्णय करते हैं यह ठीक नहीं है। मुख्‍यमंत्री से इस मामले में हस्‍तक्षेप करते हुए कोविड के दिशा निर्देशों का पालन कराते हुए पूजा की अनुमति देने का आग्रह किया है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad