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आरजी कर पीड़िता गंभीर मानसिक तनाव में थी, मौत से एक महीने पहले मांगी थी मदद: मनोचिकित्सक का दावा

एक परामर्शदाता मनोचिकित्सक ने दावा किया है कि आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या की पीड़िता...
आरजी कर पीड़िता गंभीर मानसिक तनाव में थी, मौत से एक महीने पहले मांगी थी मदद: मनोचिकित्सक का दावा

एक परामर्शदाता मनोचिकित्सक ने दावा किया है कि आरजी कर अस्पताल में बलात्कार और हत्या की पीड़िता विभिन्न कारणों से गंभीर मानसिक तनाव में थी और उसने पिछले साल 9 अगस्त को अपनी मौत से करीब एक महीने पहले उनसे पेशेवर मदद मांगी थी।

मनोचिकित्सक मोहित रणदीप ने सोमवार को दावा किया कि लंबे समय तक ड्यूटी करना, शिफ्टों के आवंटन में भेदभाव और सरकारी अस्पताल में "अनियमितताओं की जानकारी" के कारण 30 वर्षीय चिकित्सक को अत्यधिक मानसिक परेशानी हो रही थी।

एक प्रमुख बंगाली टीवी चैनल से बात करते हुए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वह सीबीआई के समक्ष गवाही देने के लिए तैयार हैं, जिसने बलात्कार-हत्या मामले की जांच की थी।

रणदीप ने कहा, "उन्होंने मुझे 36 घंटे की लगातार ड्यूटी, रोस्टर में शिफ्टों के आवंटन में भेदभाव और उस पर पड़ने वाले गंभीर मानसिक दबाव के बारे में बताया था, क्योंकि उन्होंने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की खरीद में कई अनियमितताएं देखी थीं। मैंने उनसे पूछा कि क्या सभी को एक जैसी शिफ्ट दी जाती है, तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।"

मनोचिकित्सक ने बताया कि उन्होंने पोस्ट-ग्रेजुएट ट्रेनी (पीजीटी) को कुछ सलाह दी थी और उसे फॉलो-अप काउंसलिंग के लिए वापस आना था। रणदीप ने कहा, "हालांकि ऐसा नहीं हो सका।"

महिला के माता-पिता और उसके सहकर्मियों के एक वर्ग ने पहले दावा किया था कि उसे अस्पताल द्वारा दवाओं और उपकरणों की खरीद में कुछ अनियमितताओं की ओर इशारा करने के लिए प्रताड़ित किया जा रहा है, जो उसे अपने ड्यूटी के समय में पता चली थी।

अपराध के समय सरकारी आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को चिकित्सा प्रतिष्ठान में कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में गिरफ्तार किया गया था।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कई नेताओं ने बार-बार इस बात पर जोर दिया था कि पार्टी केंद्रीय एजेंसी सीबीआई से व्यापक जांच चाहती है।

हालांकि, पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि वामपंथी और कुछ समूह राज्य सरकार और स्वास्थ्य सेवा डॉक्टरों को बदनाम करने के लिए सत्तारूढ़ प्रतिष्ठान के खिलाफ झूठे आरोप लगा रहे हैं।

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सोमवार को सीबीआई को निर्देश दिया कि वह बलात्कार-हत्या मामले की अगली सुनवाई पर अपनी जांच से संबंधित केस डायरी पेश करे। न्यायालय ने पूछा कि क्या केंद्रीय एजेंसी अपनी जांच में सामूहिक बलात्कार या सबूतों को नष्ट करने की संभावना पर विचार कर रही है।

डॉक्टर का शव 9 अगस्त 2024 को उत्तर कोलकाता स्थित सरकारी अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था।

कोलकाता पुलिस ने पूर्व नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को उसके साथ बलात्कार और हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मामले की जांच अपने हाथ में लेने वाली सीबीआई ने भी रॉय को एकमात्र आरोपी बनाया।

जनवरी में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें जीवनपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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