आज सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही नेता विपक्ष उमर अब्दुल्ला ने अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता से स्पष्टीकरण मांगा कि क्या उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान से संबद्ध कार्यवाही के रिकॉर्ड की जांच की थी और क्या अनुच्छेद 370 पर उनकी टिप्पणियों को कार्यवाही से निकाल दिया है।
उमर ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आपने टिप्पणियों को निकाल दिया है। क्या आपने रिकॉर्ड देखा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी टिप्पणी पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए सदन में बयान कब देंगी। वह किस समय अपना बयान देंगी।
अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने रिकॉर्ड देखा है और मुख्यमंत्री का वह मतलब नहीं था जो उनकी टिप्पणियों को लेकर कहा गया है। इस पर नेशनल कान्फ्रेंस और कांग्रेस के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और सरकार तथा अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। वे मांग कर रहे थे कि मुख्यमंत्री सदन में बयान दें।
प्रदर्शन के दौरान विपक्षी सदस्यों ने फर्नीचर क्षतिग्रस्त कर दिया और माइक उखाड़ दिए। कुर्सियां फेंक दी गईं, कागज फाड़ दिए गए। सरकार विरोधी, भाजपा विरोधी और आरएसएस विरोधी नारे लगे। कुछ सदस्य गठबंधन सरकार में मंत्री लाल सिंह से लगभग भिड़ते नजर आए। हालांकि मार्शलों और वाच एंड वार्ड स्टाफ ने उन्हें रोक दिया।
हिंसक प्रदर्शनों के दौरान वाच एंड वार्ड स्टाफ के एक कर्मी के घायल होने की खबर है। कार्यवाही के दौरान हालात बिगड़ते देख अध्यक्ष ने सदन की बैठक आधा घंटे के लिए स्थगित कर दी। कांग्रेस विधायक दल के नेता नवांग रिगजिन जोरा ने सदन के बाहर कहा कि हमने कल मुख्यमंत्री की टिप्पणियों का मुद्दा उठाया था और अध्यक्ष ने हमें बताया कि इसे कार्यवाही से निकाल दिया गया है, लेकिन बाद में यह कहकर मुकर गए कि इसे नहीं निकाला गया है। जोरा ने कहा कि अध्यक्ष नाटक कर रहे हैं। उन्हें अपना दिमाग लगाना चाहिए कि उन्होंने इसे निकाला है या नहीं। वह क्या चाहते हैं। क्या वह सदन को सहज ढंग से चलाना चाहते हैं। (एजेंसी)
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    