मध्यप्रदेश में बच्चों को रानी पद्मावती की गाथा पढ़ाई जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अगले सत्र से उनकी जीवनी पाठ्यक्रम में शामिल करने की घोषणा की है। राज्य में संजय लीला भंसाली की फिल्म “पद्मावती” के प्रदर्शन पर रोक लगाने के कारण राजपूत समाज की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में शिवराज ने यह घोषणा की। बुधवार को उज्जैन में यह समारोह हुआ था।
रानी पद्मावती को शिवराज सरकार पहले ही “राष्ट्रमाता” घोषित कर चुकी है। सरकार ने महिलाओं के सम्मान के लिए उल्लेखनीय काम करने वाले को 'राष्ट्रमाता पद्मावती' पुरस्कार और वीरता के लिए महाराणा प्रताप पुरस्कार की घोषणा भी की है। प्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया था कि भोपाल की गैंगरेप पीड़िता को राज्य स्थापना दिवस पर पहले 'राष्ट्रमाता पद्मावती पुरस्कार' से सम्मानित किया जाएगा।
अभिनंदन समारोह में शिवराज ने कहा, राजपूतों की राष्ट्रभक्ति उल्लेखनीय रही है और उनका योगदान अतुलनीय है। चित्तौड़ की कथाएं सुनते हैं तो रोमांचित हो जाते हैं। भारत के महापुरुषों का अपमान किसी भी कीमत पर नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा, राजमाता पद्मावती का पूरा जीवन चरित्र, उनके त्याग, तपस्या एवं वीरता को आने वाली पीढ़ियां जान सके, इसलिए अगले सत्र से स्कूल के पाठ्यक्रम में उनका चरित्र सम्मिलित किया जाएगा।