दरअसल, यूपी पुलिस की विशेष टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर यह सफलता हासिल की है। चंद्रशेखर को अब सहारनपुर लाया जाएगा। इस बीच चंद्रशेखर की गिरफ्तारी के बाद सहारनपुर में इंटरनेट सेवा को दो दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। सहारनपुर में हुई हिंसा के बाद यूपी पुलिस को भीम सेना के प्रमुख चंद्रशेखर की तलाश थी। जिसकी यूपी पुलिस को पिछले कई दिनों से देश के अलग-अलग राज्यों में होने की सूचना मिल रही थी। इस बीच कई जगह उसने जनसभा को भी संबोधित किया था।
हिंसा मामले में सुर्खियों में आए चंद्रशेखर उर्फ़ रावण के खिलाफ पुलिस ने गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। साथ ही, उस पर 12 हज़ार का इनाम भी घोषित किया गया था। हालांकि, चंद्रशेखर ने बताया था कि वह आत्मसमर्पण करेेंगे।
गौरतलब है कि सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में 5 मई को हिंसा तब भड़क उठी जब दलितों ने ठाकुरों द्वारा निकाली जा रही एक शोभायात्रा में तेज आवाज में संगीत बजाने पर आपत्ति की। दोनों पक्षों में इस बात को लेकर विवाद हो गया और हिंसा भड़क उठी। हिंसा मे क्षत्रीय समाज के एक युवक की भी मौत हो गई थी। मौत से गुस्साए लोगों ने दलितों के घर तोड़फोड़ और मारपीट की थी। इस घटना के बाद भीम आर्मीसे जुड़े करीब 1000 लोगों ने एक प्राइवेट बस, 10 मोटरसाइकिलें और एक कार जला दी थी। हिंसा में तीन पुलिसवाले और एक पत्रकार घायल हो गए थे।
चंद्रशेखर ने पिछले दिनों सहारनपुर में कथित तौर पर ऊंची जाति के लोगों के अत्याचार के खिलाफ दिल्ली के जंतर-मंतर पर बड़ा दलित प्रदर्शन भी बुलाया था। इस दौरान हजारों की संख्या में मौजूद लोगों के हाथ में बी आर अंबेडकर के साथ चंद्रशेखर के पोस्टर और मास्क थे।हालांकि, इसी बीच भीम आर्मी से संबंधों को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने कहा था कि भीम आर्मी का बसपा से कोई लेना-देना नहीं है।