जयललिता के निधन के बाद से पार्टी में महासचिव पद को लेकर आपसी सहमति नहीं बन रही थी। एक गुट उनके महासचिव बनने का विरोध कर रहा था। वहीं शशिकला की हमनाम शशिकला पुष्पराज ने भी उनके खिलाफ मोर्चा खोल कर रखा था। लेकिन आज प्रस्ताव पारित हो जाने से साफ हो गया है कि पार्टी की कमान उन्हीं के पास होगी। प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि जयललिता के जन्मदिन को राष्ट्रीय किसान दिवस के रूप में मनाया जाए।
एआईएडीएमके पार्टी से निष्कासित और राज्यसभा सांसद शशिकला पुष्पा ने मद्रास हाइकोर्ट में अर्जी दी थी और कहा था कि शशिकला नटराजन पार्टी की कमान नहीं संभाल सकतीं क्योंकि उन्हें जयललिता ने पार्टी से निकाल दिया था। और पार्टी का महासचिव बनने के लिए वही व्यक्ति उपयुक्त है जिसने कम से कम पांच साल लगातार पार्टी में काम किया हो।