मानसून आने के बाद से ही बिहार में बारिश और बाढ़ ने अपना कहर मचा रखा है। बिहार के गोपलगंज जिले में गंडक नदी पर बना सत्तरघाट पुल टूटकर नदी में बह गया। नदी का जलस्तर बढ़ने और भारी बारिश के चलते पुल का एक हिस्सा टूट गया। बता दें कि इस पुल के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। इस पुल पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।
नीतीश ने एक महीने पहले की किया था पुल का उद्घाटन
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल का उद्घाटन पिछले महीने ही किया था। यह पुल महज 29 दिनों के भीतर ही नदी में समा गया। वहीं, इस पुल के ध्वस्त होने से चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है।
सत्तरघाट मुख्य पुल से करीब एक किलोमीटर पूर्व सड़क के टूट जाने से छपरा, सीवान, गोपालगंज जिलों से मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, दरभंगा की ओर आने-जाने वाले वाहनों का परिचालन ठप हो गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि लगातार हो रही बारिश से सड़क दलदली हो गई थी। इस बीच बाढ़ के पानी से सड़क टूट गई है।
विपक्ष ने की जांच की मांग
वहीं, विपक्ष के नेताओं ने पुल निर्माण में लापरवाही को लेकर जांच की मांग की है। तेजस्वी यादव ने पुल के टूटने को लेकर सीएम नीतीश को घेरा है। तेजस्वी ने ट्वीट किया, '263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।'
16 जून 2020 को किया गया था इस पुल का उद्घाटन
बता दें कि इस पुल का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था। वर्ष 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद 16 जून 2020 को सीएम नीतीश कुमार द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसका उद्घाटन किया गया था।