Advertisement

उन्नाव की पीड़िता के आखिरी शब्द थे- मुझे बचा लो, मैं उन्हें फांसी पर लटका देखना चाहती हूं

“मुझे बचा लो, मैं मरना नहीं चाहती, मैं उन्हें फांसी पर लटका देखना चाहती हूं।” मरने से पहले उत्तर...
उन्नाव की पीड़िता के आखिरी शब्द थे- मुझे बचा लो, मैं उन्हें फांसी पर लटका देखना चाहती हूं

“मुझे बचा लो, मैं मरना नहीं चाहती, मैं उन्हें फांसी पर लटका देखना चाहती हूं।” मरने से पहले उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले की 23  साल की बलात्कार पीड़िता के ये आखिरी शब्द थे। शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता ने अंतिम सांस ली। रात 11.40 पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। सफदरजंग अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक के अनुसार पीड़िता को दिल का दौरा पड़ा था। वह बहुत दर्द में थी और बार-बार बचा लेने की गुहार लगा रही थी। उसे एक दिन पहले ही एयरलिफ्ट कर लखनऊ से दिल्ली लाया गया था।

प्रियंका गांधी ने सरकार पर बोला हमला

पीड़िता की मौत होने पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार से अपील करती हूं कि इस मामले में बलात्कारियों को एक महीने के भीतर फांसी दी जाए।” एक के बाद एक किए गए ट्विट में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उन्नाव बलात्कार पीड़िता के अंतिम शब्द को उद्धृत किया और कहा, “मैं दुःख की इस घड़ी में उन्नाव के पीड़ित परिवार को हिम्मत देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती हूं। यह हम सब की विफलता है कि हम उसे न्याय नहीं दे सके। सामाजिक रूप से, हम सभी दोषी हैं लेकिन यह उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति का खोखलापन भी दिखाता है।”

पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला करते हुए पूछा, “उन्नाव की पिछली घटना को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने पीड़ित को तत्काल सुरक्षा क्यों नहीं दी? उस पर क्या कार्रवाई की गई? जिस अधिकारी ने एफआईआर दर्ज करने से इनकार कर दिया था उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर सरकार ने यूपी में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं?”

बयान में लिए आरोपियों के नाम

पीड़िता पर उन्नाव के सिंधुपुर गाँव के बाहर उस समय हमला किया गया जब वह बलात्कार के मामले में सुनवाई के लिए रायबरेली की एक अदालत में जा रही थी। उसका अपहरण पांच लोगों हरिशंकर त्रिवेदी, राम किशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी, शिवम और शुभम त्रिवेदी ने किया था। पांचों ने उसे पीटा और फिर उसके शरीर में आग लगा दी। जली हुई हालत में भी लड़की एक किलोमीटर पैदल चली और घर के बाहर काम कर रहे एक व्यक्ति से मदद मांग कर खुद पुलिस को फोन किया। उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे लखनऊ के सिविल अस्पताल में रेफर कर दिया गया। प्लास्टिक सर्जरी बर्न यूनिट में भर्ती पीड़िता का वहीं बयान दर्ज किया गया।

पुलिस ने नहीं की कोई कार्रवाई

अपने बयान में, उसने सभी पांचों आरोपियों का नाम लिया और घटना का विस्तृत ब्यौरा दिया। पांच में से दो आरोपी वो हैं जो बलात्कार के भी अपराधी हैं। पीड़िता ने बताया था कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने उसके साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो बना कर रख लिया था। मामले की जांच जारी थी, इसी बीच शिवम को जमानत मिल गई। जमानत पर बाहर आने के बाद से ही शिवम लड़की का पीछा कर रहा था और उसे डरा रहा था। इसके बाद पीड़िता का परिवार स्थानीय थाने में जाकर आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा आया था। लेकिन पुलिस ने शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।

गुरुवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता के इलाज के सरकारी खर्च की बात की थी। उन्होंने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को मामले की बारीकी से जांच करने का निर्देश भी दिया। मुख्यमंत्री ने पुलिस और राज्य प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर जाकर एक रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने कहा है कि आरोपियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाया जाएगा।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad