दिल्ली सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिए हैं कि छात्रों और स्टाफ को विभिन्न तरह के प्रदूषण के बारे में जानकारी देनी चाहिए।
सरकार की ओर से कहा है कि स्कूल विशेष सभाएं आयोजित कर और तकनीकी संगठनों तथा सिविल सोसायटी से विशेषज्ञों को आमंत्रित करके वायु प्रदूषण के बारे में छात्रों के बीच जागरूकता पैदा करें। शहर में वायु प्रदूषण को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच यह निर्देश आए हैं। पिछले दिनों दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इस कदर बढ़ गया था कि एक सप्ताह तक स्कूल बंद करने पड़े जबकि एहतियाती कदम के तौर पर लोगों को बाहर ना निकलने की सलाह दी गई।
स्कूलों को कहा गया है कि वह छात्रों और स्टाफ के सदस्यों को विभिन्न तरह के प्रदूषण के बारे में जानकारी दें। साथ ही वायु प्रदूषण बढ़ाने के लिए जिम्मेदार कारणों और सभी लोगों खासतौर से बच्चों तथा बुजुर्गों की सेहत पर इसके नकारात्मक और गंभीर असर पर ध्यान देने के लिए कहा गया है। बच्चों को परिवर्तन का दूत माना जाए और नियमित तौर पर उन्हें जागरूक किया जाए। अकादमिक कैलेंडर के अनुसार जब भी संभव हो, सभी स्कूलों में प्रदूषण के मुद्दे पर विशेष सभाएं आयोजित की जाएं, जिनमें स्टाफ तथा तकनीकी संगठनों और सिविल सोसाइटी के सदस्यों को बुलाया जाए। शिक्षा निदेशालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से सलाह मशविरा के बाद स्कूलों को यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड ने प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पॉन्स प्लान के तौर पर कई कदम उठाने की सिफारिश की है।