मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले में मारे गए चार नक्सलियों पर कुल 56 लाख रुपये का इनाम था और वे 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद थे। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी।
रूपझर थाने के सोनेवानी चौकी के अंतर्गत पचमा दादर-कटेझिरिया वन क्षेत्र में मध्य प्रदेश की नक्सल विरोधी हॉक फोर्स, सीआरपीएफ और इसकी विशेष कोबरा इकाई तथा बालाघाट पुलिस के एक अभियान में शनिवार को तीन महिलाओं सहित चार लोगों को मार गिराया गया था।
बालाघाट पुलिस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि ये चारों लोग प्रतिबंधित माओवादी आंदोलन के जीआरबी (गढ़चिरौली-राजनांदगांव-बालाघाट) डिवीजन के "क्षेत्रीय समिति सदस्य" थे।
बयान में कहा गया है, "चंदू उर्फ देवचंद की पत्नी रीता उर्फ टुब्बी श्रीरंगु हिदामी महाराष्ट्र के कोरची तहसील के नवेझरी की मूल निवासी थी। वह मध्य प्रदेश में 56 मामलों में वांछित थी और उस पर 14 लाख रुपये का इनाम था। तुलसी उर्फ विमला उर्फ इमला 13 मामलों में शामिल थी, जबकि सुमन 10 मामलों में नामजद थी। दोनों पर 14-14 लाख रुपये का इनाम था।"
बयान में कहा गया है, "चौथा अपराधी रवि छत्तीसगढ़ के पश्चिमी बस्तर का रहने वाला था और मध्य प्रदेश में 23 मामलों में वांछित था। उसके सिर पर भी 14 लाख रुपये का इनाम था।" साथ ही बताया गया कि मुठभेड़ स्थल पर तलाशी अभियान जारी है।
बालाघाट एक माओवाद प्रभावित जिला है जो महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुआ है। पुलिस के अनुसार, घटनास्थल से एक ग्रेनेड लांचर, एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), दो .315 बोर राइफलें, अन्य हथियार और सामग्री बरामद की गई।