अवैध खनन मामले में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को ईडी के समन के बाद झारखंड की राजनीति गरमाई हुई है। किसी अप्रत्याशित घटना को टालने के लिए ईडी के आग्रह के बाद पुलिस महानिदेशक ने ईडी कार्यालय के साथ-साथ प्रदेश भाजपा कार्यालय और राजभवन के पास सुरक्षा बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री को ईडी ने आज 3 नवंबर को दिन में साढ़े ग्यारह बजे तलब किया था। हेमन्त सोरेन नहीं आये और रायपुर में आदिवासी महोत्सव में शामिल होने निकल रहे हैं। उन्होंने कहा था कि ईडी के समन से घबराने वाले नहीं, माकूल जवाब देंगे। इधर दोनों तरफ से तलवारें तन गई हैं।
भाजपा ने हेमन्त सरकार की विफलताओं और भ्रष्टाचार को लेकर नवंबर में दो चरणों में प्रखंड से जिला मुख्यालय तक आंदोलन का एलान किया है तो झामुमो ने ईडी की कार्रवाई और साजिश के खिलाफ पांच नवंबर को जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। इधर ईडी की कार्रवाई और भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने विभिन्न जिलों से रांची के मोरहाबादी मैदान में झामुमो कार्यकर्ता पहुंच चुके हैं। बुधवार को हेमन्त सोरेन के ईडी के समन की खबर फैलते ही राजनीतिक हलचल अचानक तेज हो गई थी।
जनसंपर्क विभाग ने मुख्यमंत्री का 15 नंबर तक का कार्यक्रम जारी कर दिया गया। जिसमें रायपुर के आदिवासी महोत्सव में शामिल होने से लेकर 11 नवंबर को विधानसभा का विशेष सत्र और 15 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस कार्यक्रम तक का उल्लेख है। कार्यक्रम जारी होते ही यह जाहिर हो गया था कि हेमन्त ईडी के सामने गुरुवार को जाहिर होने नहीं जा रहे हैं। बुधवार को हेमन्त आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल होने के लिए साहिबगंज में थे। वहां से लौटने के बाद रांची में मुख्यमंत्री आवास में यूपीए विधायकों की बैठक में ईडी के समन और रणनीति पर विमर्श हुआ। ईडी के खिलाफ सड़क से सदन तक आंदोलन का निर्णय किया गया। पांच नवंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया जायेगा। यह बात सामने आई की गुरुवार को हेमन्त ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं होंगे। समन के मसले पर मुख्यमंत्री कानूनी राय लेंगे और उसी अनुसार एक्ट करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि ईडी भाजपा के इशारे पर काम कर रही है। कांग्रेस के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का कहना था कि भाजपा एक चुनी हुई सरकार को अपदस्थ करने में जुटी है इसके लिए ईडी को हथियार बनाया जा रहा है। ईडी के समन के बाद बुधवार को सत्ताधारी दल की सक्रियता के बीच भाजपा प्रवक्ता ने प्रेस कांफ्रेंस कर भाजपा सरकार की विभिन्न मोर्चे पर विफलता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सात से 13 नवंबर तक प्रखंड मुख्यालयों और दूसरे चरण में 19 नवंबर से जिला मुख्यालयों पर हेमन्त सरकार के खिलाफ आंदोलन का एलान किया।
ईडी समन के विरोध और सरकार के प्रति एकजुटता जाहिर करने गुरुवार को मोरहाबाी मैदान में विभिन्न जिलों के झामुमो कार्यकर्ता पहुंचे। हालांकि इनमें अभी तक बड़ा चेहरा नहीं दिख रहा। आये लोगों का कहना है कि सरकार को पूरे कार्यकाल का मैंडेट मिला है मगर भाजपा एजेंसियों के सहारे सरकार को अपदस्थ करने में जुटी है, हम उसका विरोध करने पहुंचे हैं। कल साहिबगंज की सभा में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने भी कहा है कि जांच चल रहा है ईडी का हमें भी बुलाहट मगर हम घबराते नहीं। बताने की कोशिश की गई है कि ईडी कितना ताकतवर है। उसका जवाब भी हमलोग देंगे। राजनीतिक रूप से नहीं सफल हो सके तो संवैधानिक संस्थाओं का इस्तेमाल कर केंद्र हमारी छवि खराब करने में लगी है। मगर हम इससे विचलित होने वाले नहीं। संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। महामहिम दो तीन माह से एटम बम का लिफाफा लेकर बैठे हैं। लिफाफा तो नहीं खोलते मगर मुंह से बम फट रहा है। यह सब साजिश है। जनता उसका जवाब देगी।