महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा है कि उनकी पार्टी के विधायकों का मानना है कि एकनाथ शिंदे को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए, जहां सत्तारूढ़ महायुति ने विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की है।
केसरकर ने रविवार को शिंदे से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की। इससे एक दिन पहले महायुति गठबंधन, जिसका एक घटक शिवसेना है, ने राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतकर सत्ता बरकरार रखी थी, जबकि विपक्षी महा विकास अघाड़ी को सिर्फ 46 सीटें मिली थीं।
केसरकर ने संवाददाताओं से कहा, "शिवसेना विधायकों का मानना है कि शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि उनके नेतृत्व में महायुति ने बहुत अच्छा काम किया और चुनावों में शानदार प्रदर्शन किया।"
हालांकि, उन्होंने कहा कि शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (भाजपा) और अजित पवार (राकांपा) मुख्यमंत्री के मुद्दे पर सर्वसम्मति से निर्णय लेंगे।
सावंतवाड़ी निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार जीत हासिल करने वाले केसरकर ने कहा, "जो भी निर्णय होगा, वह महाराष्ट्र के हित में होगा।"
मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तब शुरू हुईं जब फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा ने राज्य विधानसभा चुनाव में 288 में से सर्वाधिक 132 सीटें जीतीं। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को 57 सीटें मिलीं।
फडणवीस ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी विवाद से इनकार करते हुए कहा कि महायुति के नेता मिलकर इस मुद्दे पर फैसला लेंगे। रविवार को राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने भी फडणवीस की बात दोहराई।
उन्होंने कहा, "सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेता और भाजपा नेतृत्व यह तय करेंगे कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।"
रविवार रात शिंदे को शिवसेना विधायक दल का नेता चुना गया। इस आशय का प्रस्ताव उपनगरीय होटल में आयोजित बैठक में सभी 57 विधायकों ने सर्वसम्मति से पारित किया।
तीन और प्रस्ताव भी पारित किए गए, जिनमें पार्टी को शानदार जीत दिलाने के लिए शिंदे की सराहना, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उनके समर्थन तथा महाराष्ट्र की जनता को महायुति गठबंधन में अपना विश्वास फिर से जताने के लिए धन्यवाद कहा गया।