ईश्वर के दूत और इंसानो को अपने द्वारा ईश्वर के करीब पहुंचाने वाले बाबाओं के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है। मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार ने नर्मदा किनारे वृक्षारोपण, जल संरक्षण और स्वच्छता के प्रति निरंतर जन-जागरूकता अभियान चलाने के लिये विशेष समिति गठित की है। सरकार ने इस समिति में सदस्य के रूप में सर्वश्री नर्मदानन्द, हरिहरानन्द, कम्प्यूटर बाबा, भय्युजी महाराज और पंडि़त योगेन्द्र महंत को शामिल किया गया है। सभी सदस्यों को राज्य मंत्री का दर्जा मिलेगा।
यानी कि अब इन बाबाओ को 7500 का मासिक वेतन, एक सरकारी गाड़ी और गाड़ी के लिए 1000 किलोमीटर डीजल, मकान का किराया, स्टाफ और अपना पीए रखने की सुविधा मिलेगी।
मजेदार बात तो यह है कि इन बाबाओं के नेतृत्व में २८ मार्च को संत समाज ने इंदौर में एक बैठक की थी। इसमे प्रदेश सरकार द्वारा 2 जुलाई 2017 को एक महाअभियान के तहत जो नर्मदा किनारे 6.5 करोड़ रौपे गए पौधों की सच्चाई खोलने का फैसला लिया गया था। और इन बाबाओं ने नर्मदा घोटाला रथ यात्रा निकालने की घोषणा भी की थी।