मध्यप्रदेश में गौधन संरक्षण और संवर्धन के लिए 'गौकैबिनेट' गठित करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज ट्वीट के जरिए इस निर्णय की जानकारी दी। पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह एवं किसान कल्याण विभाग, गौ कैबिनेट में शामिल होंगे। गौकैबिनेट की पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौअभयारण्य, आगरमालवा में आयोजित की जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है, 'प्रदेश में गौधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गौकैबिनेट गठित करने का निर्णय लिया गया है। पशुपालन, वन, पंचायत व ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह और किसान कल्याण विभाग गौकैबिनेट में शामिल होंगे।' चौहान ने बताया कि गौकैबिनेट की पहली बैठक 22 नवंबर को गोपाष्टमी पर दोपहर 12 बजे गौअभयारण्य, आगरमालवा में आयोजित की जाएगी।
चौहान ने सिलसिलेवार ट्वीट में जानकारी देते हुए लिखा है 'आज भगवान श्रीव्यंकटेश बालाजी के दर्शन कर प्रभु श्री तिरुपति बालाजी से सभी के कल्याण की प्रार्थना की। भगवान हम सब को सुख, स्वास्थ्य एवं समृद्धि प्रदान करें, प्रदेश खुशहाल हो, यही प्रार्थना है।'
मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राज्य में 'गौ-कैबिनेट' के गठन के निर्णय का आज स्वागत करते हुए कहा कि वे इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन करती हैं। भारती ने ट्वीट के जरिए कहा कि चौहान द्वारा गौ कैबिनेट के गठन की घोषणा और शीघ्र ही उसकी पहली बैठक के निर्णय पर वे चौहान का अभिनंदन करती हैं। भारती ने कहा कि यह उनके 'पंच-ज' अभियान का एक हिस्सा लगता है। इसलिए यह उनके लिए परम खुशी की बात है।
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी हमेशा भारतीय संस्कृति की पोषक रही है। इसी भावना से प्रेरित होकर गौ कैबिनेट के गठन का निर्णय लिया गया है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने गौशालाओं के गठन की सिर्फ बातें कीं, जबकि मौजूदा सरकार ने इस दिशा में अनुकरणीय निर्णय लिया है।
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि राज्य में गौधन संरक्षण और संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री का गौ कैबिनेट गठित करने का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि इससे 'गौमाता' की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन सुनिश्चित होगा।