पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र के साथ पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की मुलाकात से पहले ही चर्चा गर्म है। सबसे ज्यादा चर्चा सिद्धू के ट्वीट की है। मंगलवार को सिद्धू ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अच्छा इंसान मतलबी नहीं होता, बस दूर हो जाता है, उन लोगों से जिन्हें उसकी कद्र नहीं होती। यह ट्वीट ठीक उस समय लिखा गया है, जब सिद्धू को दोबारा पंजाब कैबिनेट या पार्टी में किसी अहम पद पर लाने के कयास लगाए जा रहे हैं। सिद्धू ने मंगलवार को एक और ट्वीट भी किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि कैसे कह दूं कि थक गया हूं मैं, न जाने किस-किस का हौसला हूं मैं। इन दोनों ट्वीट के मायने जो भी हों, लेकिन सिद्धू के करीबी यह कहने से नहीं चूकते कि सिद्धू जो भी लिखते हैं, उसके गहरे अर्थ होते हैं।
सिद्धू के कांग्रेस से दूर होने की बात आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान पहले ही कह चुके हैं कि सिद्धू अगर आप में आते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा। बुधवार को मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के साथ होने वाली सिद्धू की बैठक आर या पार के तौर पर देखी जानी चाहिए। संभव है कि यह कैप्टन और सिद्धू के बीच मतभेद को खत्म करने की अंतिम बैठक हो। अगर मतभेद समाप्त हो जाता है तो तय है कि सिद्धू कांग्रेस में बड़े चेहरे के तौर पर सामने होंगे। ऐसा इसलिए भी है कि सिद्धू अपनी शर्तों के साथ पंजाब कांग्रेस में अपनी सक्रियता चाहते हैं। सारा मामला भी यहीं पर अटका हुआ है, क्योंकि मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह सिद्धू की शर्तों को मानने के लिए फिलहाल राजी नहीं हैं। इसलिए कई दौर की बैठक के बाद भी अभी तक कैप्टन और सिद्धू के बीच खींचतान समाप्त नहीं हो पाई है। हालांकि पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत दोनों नेताओं के बीच सुलह करवाने की कोशिश कर रहे हैं।
पंजाब बजट से पहले हरीश रावत ने यह ऐलान किया था कि बजट के बाद सिद्धू दोबारा से पार्टी में सक्रिय तौर पर दिखाई देंगे। हालांकि हरीश रावत ने यह भी स्पष्ट किया था कि नवजोत सिंह सिद्धू पर जो भी निर्णय होगा, वह सिद्धू की क्षमता और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखकर किया जाएगा। साथ ही इस निर्णय में अमरेंद्र सिंह के आशीर्वाद और उनका हाथ दिखाई देना लाजमी है, क्योंकि यह पंजाब और कांग्रेस दोनों के हित में रहेगा। कै. अमरेंद्र सिंह कांग्रेस के मजबूत स्तंभ हैं और पार्टी में अत्यधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। इस बात से जाहिर है कि सबकी नजरें अब बुधवार को कैप्टन और सिद्धू के बीच होने वाली बैठक पर है और सवाल यही है कि क्या सिद्धू पर होने वाले निर्णय में कै. अमरेंद्र सिंह का आशीर्वाद और उनका हाथ दिखाई देगा या फिर सिद्धू अपनी शर्तों पर वापसी करेंगे।