बीते गुरुवार को भारी बारिश और तूफान से उजड़े सिंहस्थ मेला क्षेत्र को फिर से बसाने के लिए राज्य सरकार का पूरा अमला जी तोड़ मेहनत कर रहा है। असमय आए प्राकृतिक प्रकोप के बाद कुंभ क्षेत्र समेत पूरे उज्जैन शहर की स्थिति नारकीय हो गई थी। तूफान और बारीश थमने के बाद शुक्रवार से ही प्रशासन और मेला क्षेत्र में मौजूद साधू संतों ने अथक परिश्रम शुरू कर स्थिति को काफी हद तक सामान्य करने का प्रयास किया। खुद राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेला परिसर पहुंचकर कमान अपने हाथों में ले लिया। मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथों से कई पंडालों को फिर से खड़ा किया। ऊंची सीढ़ियों पर चढ़कर शिवराज ने बांस गाड़े और तंबुओं को रस्सियों के सहारे बांधकर फिर से खड़ा किया। इससे पहले शिवराज हादसे से बेहाल सिंहस्थ नगरी का जायजा लेने शुक्रवार तड़के कुंभ परिसर पहुंचे। वहां उन्होंने अपने हाथों से परेशान हाल श्रद्धालुओं को चाय पिलाई।
धार्मिक नगरी के मंगलनाथ क्षेत्र में खुद मुख्यमंत्री शिवराज को पंडाल बांधते देख लोग आश्चर्य में आ गए। शनिवार को दिन में शिवराज अधिकारियों के साथ मेला परिसर का अवलोकन करने निकले। जहां मंगलनाथ में साधु-संत पूरी तरह से टूटे एक महंत का पंडाल ठीरक करने में लगे थे। शिवराज ने उनसे हालात के बारे में जानकारी ली और फिर खुद उनके साथ पंडाल बांधने में लग गए। अधिकारियों से सीढ़ी मंगवाकर उन्होंने खुद ऊपर चढ़कर पाइप को जोड़ा। चौहान को देख कई लोग आ गए और देखते ही देखते पूरा पंडाल फिर से खड़ा हो गया। इसके बाद भी शिवराज ने रास्ते में जो भी पंडाल टूटा दिखा उसे सुधारने में जुट गए। मुख्यमंत्री ने इस क्षेत्र में कई जगहों पर श्रमदान किया। साधु-संतों ने सीएम को अपने साथ काम करता देख उन्हें आशीर्वाद दिया। अधिकारियों ने बताया कि सिहस्थ कुंभ को लेकर मुख्यमंत्री बहुत गंभीर हैं। और इसकी सफलता के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।