दिल्ली के जौनापुर में स्किल सेंटर बनाया जाएगा। करीब 254 करोड़ रुपये की लागत से यह दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा और इसमें 15 हजार बच्चों को ट्रेंड किया जा सकेगा। स्किल एजूकेशन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली की कैबिनेट ने इसे मंजूरी दे दी है।
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के मुताबिक, जौनापुर में बनने वाले स्किल सेंटर की क्षमता 15 हजार बच्चों को टेंड्र करने की होगी। पहले फेज में पांच हजार बच्चों को ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग दस ट्रेड में दी जाएगी। इसमें 85 फीसदी बच्चे दिल्ली के होंगे। दो साल बाद दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी और इसकी लागत करीब 254 करोड़ रुपये होगी। सरकार 25 और सेंटर पर काम कर रही है। स्किल एजुकेशन में ये बड़ा कदम होगा।
कैबिनेट ने स्कूल ऑफ एक्सिलेंस शुरू करने का फैसला लिया है। इसके लिए पांच स्कूल बनकर तैयार हैं, यह स्कूल रोहिणी, खिचड़ीपुर और मदनपुर खादर में हैं। अभी तीन कैटेगरी के स्कूल चलते हैं। तीन प्रतिभा स्कूल इस बार शुरू हुए हैं। कुल 20 हो गए हैं। राजकीय और सर्वोदय स्कूल भी चलते हैं। ये स्कूल इंग्लिश मीडियम के होंगे। इसमें नर्सरी से 5वीं का एडमिशन इसी साल शुरू होगा। आगे के क्लास के बच्चों को नजदीक के स्कूल से लिया जाएगा। आउट स्टैंडिंग शिक्षकों को इसमें लिया जाएगा। दो स्पेशल एजूकेटर होंगे। स्कूल नर्स और अन्य तरह की सुविधाओं से लैस होंगे। इसमें नेबरहुड को तरजीह दी जाएगी। ये स्कूल इस तरह से होंगे कि सरकारी स्कूल में बेहतर से बेहतर शिक्षा कैसे हो सकती है। इसमें बच्चों का कोई एंट्रेस टेस्ट नहीं होगा।
इसके अलावा स्पोटर्स को बढ़ावा देने के लिए मिशन स्पोटर्स 100 नाम से नीति बनाई जा रही है। इसकी पूरी फंडिंग दिल्ली सरकार करेगी और इंटरनेशनल खिलाड़ी को एडवायजरी में रखा जाएगा। व्यक्तिगत तौर पर वह राष्ट्रीय स्तर पर टॉप आठ में हो तथा किसी खेल में राष्ट्रीय टीम का सदस्य हो। या दिल्ली की टीम का सदस्य जो नेशनल लेवल में कम से कम सेमीफाइनल तक क्वालीफाई किया हो। एक साल में 16 लाख तक सरकार एक खिलाड़ी पर खर्च करेगी। दस लाख का मेडिकल इंश्योरेंस भी होगा।