Advertisement

सोहराबुद्दीन केस: डीजी वंजारा सहित 4 अन्य की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में डीजी वंजारा को रिहा करने को चुनौती...
सोहराबुद्दीन केस: डीजी वंजारा सहित 4 अन्य की रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में डीजी वंजारा को रिहा करने को चुनौती देने वाली एक याचिका को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। इसमें वंजारा सहित  गुजरात एवं राजस्थान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की रिहाई को भी चुनौती दी गई थी, उसे भी न्यायालय ने खारिज कर दिया। चार अन्य लोगों में राजस्थान पुलिस के दिनेश एमएन, दलपत सिंह और गुजरात पुलिस के राजकुमार पंडियन और एनके अमिनोफ शामिल हैं। 

सीबीआई के अनुसार साल 2005 में सोहराबुद्दीन एवं उसकी पत्नी कौसरबी को कथित फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया गया था। सीबीआई के मुताबिक इस घटना के एक साल बाद गुजरात एवं राजस्थान पुलिस ने कथित रूप से साजिश रचकर सोहराबुद्दीन के सहयोगी तुलसी प्रजापति की हत्या कर दी।

उच्च न्यायालय के अनुसार रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका में कई खामियां हैं।
ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई रिहाई को चुनौती देने वाली यह याचिका सोहराबुद्दीन के भाई रुबाबुद्दीन ने दायर की थी।


मुंबई स्थित विशेष न्यायालय ने अगस्त 2016 से सितंबर 2017 के बीच 38 में से 15 आरोपियों को बरी कर दिया था। बरी किए गए लोगों में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी शामिल थे। गुजरात से मुंबई यह मामला उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर ट्रांसफर किया गया था।

क्या था मामला
सीबीआई का आरोप है कि साल 2005 के नबंवर में पुलिस ने कथित तौर पर एक फर्जी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी कौसर बी को मार गिराया था। जबकि उसके एक अन्य सहयोगी तुलसीराम प्रजापति को दिसंबर 2006 में ऐसी ही एक अन्य फर्जी मुठभेड़ में मार गिराया था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad