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केरल में सोमालिया तुलना से भाजपा को खेल खराब होने की आशंका

भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने डैमेज कंट्रोल के लिए रणनीति बनानी शुरू की, अभी बढ़त वाम मोर्चे के पास
केरल में सोमालिया तुलना से भाजपा को खेल खराब होने की आशंका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केरल की तुलना सोमालिया से करने पर जो हंगामा मचा उससे भाजपा को केरल में नुकसान होने की आशंका सता रही है। अभी तक केरल में भाजपा अपने खाते में दो सीटें तय मान रही थी, जिसमें एक दक्षिण केरल नेमॉम, जहां से राजगोपाल और उत्तर केरल के मानजेसर से सुरेंद्रन भाजपा के उम्मीदवार हैं। अब इन सीटों को लेकर भी भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा ने इस संकट से उभरने के लिए जातिगत समूहों और खासतौर से श्रीनारायण धरमा पारिपालना संघा की मदद मांगी है।

केरल में भी भाजपा का खेल उसी तरह से खराब न हो जैसा बिहार में हुआ था, इसकी चिंता शीर्ष नेतृत्व को सता रही है। उधर भाजपा के सहयोगी और इरडवा जाति समूह के बड़े नेता वील्लापल्लई नदेशन का भी आत्मविश्वास डगमगा रहा है। इसकी वजह प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर हो रही मलयाली समाज की तीखी प्रतिक्रिया और वाम मोर्चे की इरडवा समुदाय पर पुनः तेज होती पकड़ है। वाम मोर्चे का परंपरागत वोटर रहा है इरडवा जाति समुदाय। इसी समुदाय पर भाजपा ने भी अपना दांव लगा रखा है।

इसके साथ ही वाम मोर्चे और कांग्रेस गठबंधन के बीच भी संघर्ष तगड़ा है। अभी वाम मोर्चे के पास बढ़त बताई जाती है। कांग्रेस की सहयोगी पार्टी मुस्लिम लीग से भी कई नेता टूटकर माकपा में शामिल हो रहे हैं। केरल मुस्लिम लीग के युवा मोर्चे के नेता सुबैर हाल ही में माकपा में शामिल हुए। उनका मानना है कि वाम दल धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई बेहतर ढंग से लड़ रहे हैं और उनके पास संघ के धार्मिक उन्माद से लड़ने के लिए बेहतर विचारधारा है।  

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