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सोमनाथ भारती को मिली जमानत

घरेलू हिंसा और पत्नी की हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार आप विधायक और पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को अदालत ने आज जमानत दे दी। भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने यह मामला दर्ज कराया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार ने कहा, जमानत याचिका मंजूर की जाती है। अदालत ने कल जमानत याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
सोमनाथ भारती को मिली जमानत

अदालत ने भारती को एक लाख रुपये की जमानत राशि और इतनी ही रकम का मुचलका भरने का निर्देश दिया। अदालत ने भारती को बिना पूर्व अनुमति के देश छोड़कर नहीं जाने और बुलाए जाने पर जांच में मदद करने का भी निर्देश दिया।

जमानत याचिका पर जिरह के दौरान आम आदमी पार्टी के विधायक ने कल कहा था कि उनके खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित है और उन्होंने इसे भाजपा प्रायोजित मुकदमा बताया था। भारती के वकील विजय अग्रवाल ने दावा किया था कि यह बनते-बिगड़ते संबंधों का मामला है जिसे राजनीतिक मकसद से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया। भारती की दलील का विरोध करते हुए अतिरिक्त सरकारी अभियोजक शैलेंद्र बब्बर ने कहा था कि जब भारती पुलिस हिरासत में नहीं थे तो उन्होंने अपनी आजादी का दुरुपयोग करने का प्रयास किया।

बब्बर ने भारती के आचरण को संदेहास्पद बताते हुए कहा कि अगर उन्हें जमानत दी जाती है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं और जांच में बाधा डाल सकते हैं जो अभी शुरुआती चरण में है। भारती ने कल जमानत अर्जी दाखिल की थी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका का निस्तारण करते हुए उनसे नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में जाने के लिए कहा था। उनसे अलग रह रहीं पत्नी लिपिका मित्रा ने शीर्ष अदालत में कहा था कि वह घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास के मामले को सुलझाने के लिए सुलह नहीं करना चाहतीं।

भारती 19 अक्तूबर तक न्यायिक हिरासत में हैं। आप विधायक को 29 सितंबर को तड़के गिरफ्तार किया गया था। शीर्ष अदालत के आदेश के बाद उन्होंने समर्पण किया था। भारती ने मामले में गिरफ्तारी से बचाव और जब तक उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला नहीं हो जाता तब तक पुलिस को गिरफ्तारी से रोकने की मांग को लेकर 23 सितंबर को शीर्ष न्यायालय का रुख किया था। उच्चतम न्यायालय ने एक अक्टूबर को आप विधायक को अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 सितंबर को भारती की अग्रिम जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि दस्तावेजी सबूत उनके खिलाफ आरोपों का समर्थन करते हैं।

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