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मां के लिए बेटे ने मांगा इंसाफ, कोर्ट से लगाई डीएनए टेस्ट कराने की मांग

लंबे समय के बाद आखिर एक बेटे के लिए वो समय आ गया जिसका उसे इंतजार था। बेटे ने मां के लिए इंसाफ मांगा है।...
मां के लिए बेटे ने मांगा इंसाफ, कोर्ट से लगाई डीएनए टेस्ट कराने की मांग

लंबे समय के बाद आखिर एक बेटे के लिए वो समय आ गया जिसका उसे इंतजार था। बेटे ने मां के लिए इंसाफ मांगा है। पिता की ओर से घर से निकाली गई मां और पैतृक संपत्ति में अधिकारी दिलाने को लेकर बेटे ने कोर्ट से डीएनए जांच कराने की गुहार लगाई है।

गाजियाबाद में रहने वाले 48 साल के संजय सिंह ने अदालत से गुहार लगाई है कि डीएनए टेस्ट के जरिये उन्हें उनके पिता से एक बेटे और उनकी मां का वाजिब हक दिलाया जाए। 1973 में जन्मे संजय सिंह ने गाजियाबाद की अदालत में मुकदमा दायर कर बताया है कि उनकी मां बालेश्वरी देवी मूलरूप से ग्राम सादोपुर जनपद गौतमबुद्ध नगर (उत्तर प्रदेश) की रहने वाली है। उनका विवाह 53 वर्ष पूर्व 8 मई 1970 को महेन्द्र सिंह चौधरी पुत्र स्वर्गीय सरजीत सिंह निवासी कोटला मुबारकपुर, नई दिल्ली के साथ हुआ था। संजय सिंह के मुताबिक उनके नाना फौजी थे और उन्होंने अपनी हैसियत के मुताबिक शादी के समय अच्छा-खासा दान-दहेज दिया था। शादी के दो साल बाद उनका गौना हुआ था।

मंगलवार को आरडीसी में आयोजित पत्रकार वार्ता में संजय बताते हैं "1973 में मेरा जन्म हुआ। लेकिन जब मैं महज सवा महीने का था तो मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली। मेरी मां कम पढ़ी-लिखी थीं। मेरे पिता ने कॉलेज में अपने साथ पढ़ऩे वाली आशा नामक महिला से दूसरी शादी की थी। आशा के पिता एक रसूखदार अफसर थे और वह कस्टम विभाग में बड़े अधिकारी थे। दूसरी शादी के बाद मेरे पिता ने मात्र सवा महीने की उम्र में मुझे और मेरी मां को घर से निकाल दिया। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के समझाने के बावजूद मेरे पिता ने मां को अपने साथ नहीं रखा। इस कारण से मेरी परवरिश ननिहाल में हुई। मेरी मां ने बेहद विपरीत परिस्थितियों में कष्ट भरा जीवन व्यतीत करते हुए मुझे बड़ा किया। पत्रकार वार्ता में संजय सिंह की मां सहित कई रिश्तेदार भी मौजूद थे।

संजय के मुताबिक अपनी मां को न्याय दिलाने के लिए तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए उन्होंने वकालत की पढ़ाई की। और अब अपना हक पाने के लिए उन्होंने अदालत की शरण ली है। संजय सिंह ने अदालत को बताया कि उनके पिता की दूसरी पत्नी से तीन बच्चे हैं जो काफी रसूखदार हैं। दूसरी पत्नी से दो बेटे भूपेन्द्र सिंह व धर्मेन्द्र सिंह हैं। जबकि बेटी वर्षा सिंह दादरी से पूर्व विधायक स्वर्गीय महेन्द्र सिंह भाटी के छोटे बेटे निशीत सिंह के साथ ब्याही गई हैं। वर्षा सिंह की ननद शुभ्रा उत्तराखंड के लंढोरा रियासत के राजकुमार व रूड़की से पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के साथ ब्याही गई है। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि उनके पिता दबंग व बाहुबली किस्म के व्यक्ति हैं और वह किसी भी तरह मुझे व मेरी मां को हमारा अधिकार देना नहीं चाहते।

संजय के मुताबिक उनकी ओर से मुकदमा दायर होने के बाद उनके पिता ने न्यायालय में प्रार्थना-पत्र दिया कि उन्हें झूठी साजिश में फंसाकर परेशान किया जा रहा है, इसलिए याचिका को खारिज कर दिया जाए। लिहाजा उन्होंने अदालत से याचिका की सुनवाई दिल्ली में कराने की प्रार्थना की, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। उच्च न्यायालय के बाद सुप्रीम कोर्ट में भी उनकी याचिका को स्वीकार नहीं किया गया। संजय सिंह ने न्यायालय से गुहार लगाई है कि उनका और उनके पिता का डीएनए टेस्ट करवाया जाए, ताकि पूरी सच्चाई सामने आ सके।

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