शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश के सियासी और समाजी गलियारों में गुबार उठाने वाले पत्रकार जगेन्द्र की कथित बर्बर हत्या मामले में आज एक नाटकीय मोड़ उस समय आ गया जब पत्रकार जगेन्द्र के बेटे ने मामले में आरोपी राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा को निर्दोष करार दे दिया। इसी के साथ जगेन्द्र के बेटे ने पिता की हत्या की सीबीआई जांच के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका को भी वापस ले लिया।
राहुल ने कहा कि उसके पिता ने पुलिस द्वारा गिरफ्तारी से बचने के लिए खुद को आग लगाया था, लेकिन आग बहुत बढ़ गई और जगेन्द्र बुरी तरह झुलस गए जिससे बाद में उनकी मौत हो गयी। राहुल ने ये भी कहा कि उनके पिता जगेन्द्र कुछ राजनेताओं की साजिश के शिकार हो गए थे, इसलिए उन्होंने राज्यमंत्री वर्मा के खिलाफ लिखना शुरू कर दिया था। वर्मा पूरी तरह निर्दोष हैं और उन्हें राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है।
जगेन्द्र के बेटे ने स्पष्ट किया कि मामले की सीबीआई जांच कराने के संबंध में उसने उच्चतम न्यायालय में जो याचिका दायर की थी, वह अब वापस ले ली है।
इसी बीच, राज्यमंत्री वर्मा पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने भी अपने पूर्व के आरोपों से पलटते हुए कहा कि उसने आरोप जगेन्द्र के बहकावे में आकर लगाए थे।
उच्चतम न्यायालय ने गत 22 जून को पत्रकार की कथित तौर पर जलाकर हत्या किए जाने के मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका पर केंद्र और राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था।
दबाव की आशंका
इस बीच, जगेन्द्र मामले को जोरशोर से उठाने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मृत पत्रकार के पुत्र के रुख में अचानक आए इस बदलाव के पीछे दबाव की आशंका जाहीर करते हुए प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर जगेन्द्र के बेटों तथा मामले के सभी गवाहों की सुरक्षा करने तथा सही बात सामने लाने के लिए राज्य सरकार को उपयुक्त माहौल बनाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है।
ठाकुर ने कहा, जगेन्द्र के बेटों ने उनके सामने कहा था कि उनके पिता को राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के कारण मारा गया है। जिस तरह मृत पत्रकार के परिजन अपने बयान बदल रहे हैं, उससे लगता है कि वर्मा अपनी ताकत और सत्ता का दुरपयोग करके गवाहों पर अनुचित दबाव बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री से हुई थी मुलाकात
गौरतलब है कि जगेन्द्र के पिता और बेटे ने पिछले 22 जून को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। इस दौरान अखिलेश ने न्याय का भरोसा दिलाने के साथ-साथ पीडि़त परिवार को 30 लाख रुपये की मदद तथा पत्रकार के दोनों बच्चों को सरकारी नौकरी दिलाने की घोषणा की थी।
क्या था मामला
गत 1 जून को शाहजहांपुर में सदर बाजार इलाके की आवास विकास कालोनी स्थित अपने घर पर पुलिस की छापेमारी के दौरान पत्रकार जगेन्द्र संदिग्ध परिस्थितियों में झुलस गए थे और आठ जून को उनकी मौत हो गई थी। पत्रकार के परिजन की शिकायत पर पुलिस ने प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा और तत्कालीन थाना प्रभारी समेत कई लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।