लद्दाख के प्रसिद्ध पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है। अधिकारियों के अनुसार उन्हें शुक्रवार रात लद्दाख में गिरफ्तार किए जाने के बाद जोधपुर स्थानांतरित किया गया।
वांगचुक की गिरफ्तारी लद्दाख की राजधानी लेह में हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हुई है। प्रदर्शनकारी लंबे समय से लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
लेकिन 24 सितंबर को प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें बीजेपी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया और चार लोगों की मौत हो गई। इसी के दो दिन बाद वांगचुक को हिंसा भड़काने के आरोप में एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया।
गौरतलब है कि सोनम वांगचुक हाल ही में भूख हड़ताल पर थे, जिसे उन्होंने हिंसा भड़कने के बाद समाप्त कर दिया था।
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा, “सच को कैद नहीं किया जा सकता। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर सीधा हमला है और कानून को रौंदने के बराबर है। वह लद्दाख की आवाज हैं, अपराधी नहीं। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में ऐतिहासिक योगदान दिया है। मैं उनकी तत्काल रिहाई की मांग करता हूं।”
इधर, लेह में हालात को देखते हुए प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाए हैं। आदेश के अनुसार जिले में पांच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक है। बिना लिखित अनुमति कोई जुलूस, रैली या मार्च नहीं किया जा सकेगा। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती भी की गई है।
बता दें कि सोनम वांगचुक लंबे समय से लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग उठा रहे हैं, ताकि यहां की जनजातीय आबादी को विशेष अधिकार और स्वशासी परिषद की व्यवस्था मिल सके।
वर्तमान में यह प्रावधान केवल असम, मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय राज्यों में लागू है।