संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की अध्यक्ष सोनिया गांधी बुधवार को अपने संसदीय क्षेत्र रायबरेली पहुंच गई हैं। उनके साथ उनकी बेटी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौजूद हैं। इस यात्रा के दौरान सोनिया और प्रियंका कार्यकर्ता से मुलाकात करेंगी। यह पहला मौका है जब रायबरेली में कांग्रेस नेताओं की बड़ी बैठक हो रही है। हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ एक रायबरेली लोकसभा सीट पर जीत हासिल हुई है। नतीजे आने के बाद सोनिया गांधी पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र आई हैं।
यूपी में लोकसभा चुनावों में करारी हार की समीक्षा करने रायबरेली पहुंची सोनिया
उत्तर प्रदेश की रायबरेली अकेली एक ऐसी सीट है जिस पर कांग्रेस ने 2019 के आम चुनावों में जीत हासिल की है। अपनी यात्रा के दौरान सोनिया गांधी यूपी में लोकसभा चुनावों में करारी हार की समीक्षा करेंगी। साल 2022 में यूपी में विधानसभा चुनाव है जिसके लिए रणनीति बनाने पर भी मंथन होगा।
रायबरेली के मतदाताओं से मिलकर जताएंगी आभार
सोनिया और प्रियंका गांधी दोनों व्यक्तिगत रूप से कांग्रेस पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं और रायबरेली के मतदाताओं से मिलेंगी और उनका आभार जताएंगी जिन्होंने पार्टी को अपना गढ़ बनाए रखने में मदद की। इस बारे में कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने कहा, ‘नेता (सोनिया गांधी) हाल ही में संपन्न आम चुनावों में पार्टी के खराब प्रदर्शन की समीक्षा करेंगी।उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी में प्रमुख पदों पर काबिज सभी नेताओं से चुनाव में हार के कारण का पता लगाने के लिए कहा गया है’।
इस यात्रा के समय अमेठी का दौरा नहीं करेंगी सोनिया-प्रियंका
पार्टी के सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी बुधवार को बैठक में मौजूद रहेंगे। हालांकि, प्रियंका और सोनिया इस बार अमेठी का दौरा नहीं करेंगी। लोकसभा चुनावों में अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 55,000 से अधिक वोटों के अंतर से मात देकर जीत हासिल की थी। हार के कारणों की जांच के लिए कांग्रेस ने पहले ही दो सदस्यीय समिति नियुक्त कर दी है।
प्रदेश की भाजपा सरकार पर बोला हमला
रायबरेली आने से पहले प्रियंका गांधी ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने ट्विटर पर सुबह लोगों को जेठ माह के अंतिम बड़े मंगलवार की बधाई दी। शाम को भाजपा सरकार पर हमला बोला कि यूपी सरकार जनता के मुद्दों पर काम करने की बजाय पत्रकारों, किसानों, प्रतिनिधियों पर डर का डंडा चला रही है।