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स्टालिन बने द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष

द्रमुक ने अपने कोषाध्यक्ष एम. के. स्टालिन को पदोन्नत कर उन्हें पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। स्टालिन को ऐसे वक्त पर यह पद दिया गया है जब पार्टी सुप्रीमो एम. करूणानिधि बीमारी के बाद स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं।
स्टालिन बने द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष

द्रमुक की आम परिषद की बैठक में नियमों में जरूरी संशोधन कर 63 वर्षीय स्टालिन को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। करूणानिधि बैठक में उपस्थित नहीं थे।

स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने संबंधी प्रस्ताव का समर्थन करने के बाद द्रमुक के वरिष्ठ नेता एवं महासचिव के. अनाबभुगन ने बैठक में बताया कि कोषाध्यक्ष के अपने मौजूदा पद के साथ-साथ स्टालिन अब द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष भी होंगे। द्रमुक के 60 वर्ष से भी लंबे इतिहास में पहली बार यह पद बनाया गया है। अनाबभुगन ने कहा कि कार्यकारी अध्यक्ष के पास पार्टी अध्यक्ष के सभी अधिकार होंगे। हालांकि पदक्रम में अध्यक्ष अभी भी शीर्ष पद रहेगा। कार्यकारी अध्यक्ष के पद को फिलहाल सबसे महत्वपूर्ण पद के रूप में देखा जा रहा है जिसे करूणानिधि के स्वास्थ्य को देखते हुए सृजित किया गया है। हाल ही में द्रमुक सुप्रीमो को बीमार होने के कारण दो बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था।

पार्टी के संगठन सचिव एवं राज्यसभा सदस्य आर. एस. बराती ने स्टालिन को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा और पार्टी के प्रधान सचिव दुरई मुरूगन ने भी इसका समर्थन किया। अपने संक्षिप्त संबोधन के दौरान स्टालिन अपने 92 वर्षीय पिता और पार्टी प्रमुख करूणानिधि के स्वास्थ्य के बारे में बात करते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि अतीत में पार्टी के विभिन्न पदों को संभालने के दौरान उन्हें बहुत प्रसन्नता हुई थी, लेकिन इस बार ऐसा महसूस नहीं हो रहा है, क्योंकि उनके पिता बीमार हैं। स्टालिन ने कहा कि इस पदोन्नति को वह सिर्फ जिम्मेदारी के रूप में देख रहे हैं और उनकी भूमिका पार्टी अध्यक्ष की सहायता करने की होगी। बाद में वह गोपालपुरम स्थित आवास पर करूणानिधि से मिले और उनका आशीर्वाद लिया।

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