60-40 के फार्मूले को लेकर झारखंड का पारा मौसम की तरह चढ़ने लगा है। हेमंत सरकार की स्थानीय नीति के विरोध में झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन ने 10 और 11 जून को झारखंड बंद का आह्वान किया है।
यूनियन के प्रमुख देवेंद्रनाथ महतो ने कहा कि 60-40 वाली नियोजन नीति स्थानीय लोगों की हकमारी है। इसी के विरोध में संपूर्ण झारखंड बंद का कॉल दिया गया है। झारखंड बंद का कॉल 10 मई से 11 जून तक 31 दिवसीय आंदोलन चार चरणों के आंदोलन का हिस्सा है।
10 से 25 मई तक झारखंड के सभी विधायकों व सांसदों के बीच 60-40 की नीति के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलाया जा चुका है। चौथे चरण में दो दिनी झारखंड बंद की पूर्व संध्या पर शनिवार नौ जून को सभी प्रखंड और जिला मुख्यालयों पर मशाल जुलूस निकाला जायेगा।
राजधानी रांची में जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से अलबर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकाला जायेगा। संघ से सभी दुकानदार संघ, ट्रांसपोर्टरों से बंद को सफल बनाने में सहयोग की अपील की है। मेडिकल और आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है। यूनियन के देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि इस हकमार नियोजन नीति का कई छात्र संगठन भी विरोध कर रहे हैं। हमें उनका समर्थन हासिल है। अनेक आदिवासी मूलवासी, सामाजिक व छात्र संगठनों ने भी समर्थन किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार खतियान आधारित नियोजन नीति लागू कर मूल झारखंडियों से रिक्त पदों को भरे। 60-40 नाय चलतो के नारे के साथ पूर्व में भी संताल व अन्य इलाकों में छात्र संगठन आंदोलन व प्रभावकारी बंद का एहसास करा चुके हैं। चुनावी मोड में आते रातनीतिक दलों के बीच छात्रों के इस आंदोलन से दलों की बेचैनी बढ़ी हुई है।