पूर्व संघ चालक सुभाष वेलिंगकर को पद से हटाने के बाद वेलिंगकर ने संघ गोवा प्रांत को अलग करने की घोषणा कर दी थी। साथ ही उन्होंने कहा था कि भारतीय भाषा सुरक्षा मंच विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए काम करेगा। मंच की महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी से भी बातचीत चल रही है लेकिन वह अभी किसी निर्णायक स्थिति में नहीं पहुंची है। इस बीच शिवसेना ने मंच की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया और अब वेलिंगकर ग्रुप और शिवसेना के मिलकर चुनाव लड़ने की संभावना बढ़ गई है।
वेलिंगकर के साथ बैठक के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि हमारी अभी सीट शेयरिंग पर चर्चा नहीं हुई है। हम महासंघ बनाकर चुनाव लड़ सकते हैं, चर्चा जारी है। इसमें बहुजन महासंघ भी शामिल हो सकता है। राउत ने कहा कि हम 20 सीटों पर चुनाव लड़ने की सोच रहे हैं लेकिन अगर महासंघ बनता है तो हम 15 सीटों पर लड़ने के लिए भी तैयार हो सकते हैं। राउत ने कहा कि महासंघ बनने की स्थिति में महासंघ का चेहरा सुभाष वेलिंगकर होंगे और हम उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।
जब वेलिंगकर को संघ के पद से हटाया गया था उस वक्त भी शिवसेना ने वेलिंगकर का साथ दिया था। तब शिवसेना ने कहा था कि संघ और भाजपा ने वेलिंगकर के साथ जो किया है वह भाजपा के लिए आत्मघातक है। सूत्रों का कहना है कि अगर महासंघ बनता है तो इसमें एमजीपी के शामिल होने की उम्मीद कम लग रही है। महासंघ बनने की स्थिति में भाजपा परेशानी में फंस सकती है। सूत्रों के मुताबिक गोवा की 40 में से कम से कम 10 सीटों पर वेलिंगकर का प्रभाव है और वह मराठी वोटरों पर काफी असर डाल सकते हैं। दो दिन पहले वेलिंगकर ने संघ के बागी गुट की कॉन्फ्रेंस बुलाकर एक तरह से शक्तिप्रदर्शन भी किया है।