कड़कड़ाती ठंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समन को लेकर झारखंड का तापमान गरम हो रहा है। समन के खिलाफ हेमंत की पार्टी झामुमो के कॉल पर बुधवार को साहिबगंज बंद रहा। वहीं इस मामले में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन कूदे, हेमंत से जुड़े ईडी प्रकरण पर झामुमो के बयान पर बिफरे, अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की समस्या क्यों पैदा होगी। दूसरी तरफ ईडी ने कैबिनेट सचिव के पत्र का काउंटर करते हुए कहा कि आपसे अनुमति की जरूरत नहीं, ईडी पूछताछ के लिए किसी को समन कर सकती है।
रांची जमीन घोटाला मामले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के आठवें समन के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 20 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आवासीय कार्यालय में पूछताछ करने पर सहमति दे दी है मगर भीतर ही भीतर संशय कायम है। इसे लेकर झामुमो विरोध में मोर्चा खोले हुए है।
मंगलवार को आईसीएफएआई के दीक्षांत समारोह में भाग लेने पहुंचे राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से जब पत्रकारों ने हेमंत सोरेन से जुड़े ईडी मामले पर पूछा तो बिफरते हुए राज्यपाल ने कहा कि लॉ एंड ऑर्डर के हालात क्यों बिगड़ेंगे। ईडी अपना अपना काम कर रही है। मुख्यमंत्री की ड्यूटी है कि सही उत्तर दें। मुख्यमंत्री कानून से ऊपर नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने की बात कहां से आ जाती है। पब्लिक नाराज क्यों होगी, उसे गुस्सा होने की जरूरत क्या है। ऐसा सवाल ही नहीं उठता। देश के प्रधानमंत्री भी एक समय में एसआईटी के सवालों का सामना कर चुके हैं। देश के लोकतंत्र में इन बातों के लिए स्थान नहीं है। कोई भी देश के कानून से उपर कैसे हो सकता है। दरअसल एक दिन पहले ही झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ईडी की कार्रवाई से झारखंड की जनता में आक्रोश है। उसने इस चेतावनी को समझने में देरी की तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने ईडी की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित और चुनावी हुई विरोधी सरकार को चुनावी माहौल में परेशान और बदनाम करने की साजिश बताया था।
समन को ले ईडी ने कैबिनेट सचिव से कहा आपसे पूछने की जरूरत नहीं
इधर ईडी ने कैबिनेट सचिव के उस पत्र का काउंटर किया है जिसमें कैबिनेट सचिव ने सरकारी अधिकारियों को भेजे गये समन के पूरे मामले को स्पष्ट करने को कहा था। समन मामले में कैबिनेट सचिव ने ईडी से पूछा था कि वह यह बताये कि संबंधित अफसरों के विरुद्ध क्या आरोप हैं, एजेंसी को जांच में उनके विरुद्ध कहां और क्या साक्ष्य मिले हैं तथा किस मामले में उनसे पूछताछ की जानी है। पूरी जानकारी मिलने के बाद ही अधिकारियों को ईडी के सामने भेजने व नहीं भेजने के बिंदु पर सरकार निर्णय लेगी। इसके उत्तर में ईडी ने कैबिनेट सचिव वंदना डाडेल को भेजे पत्र में कहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राज्य के किसी भी अधिकारी से जानकारी मांगने और समन जारी करने की वजह पूछने का राज्य सरकार को अधिकार नहीं है। ईडी सामान्यत: भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की जांच करती है। इसके लिए सरकार की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है।
इधर मुख्मंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के लगातार समन के विरोध में बुधवार को झामुमो का साहिबगंज बंद प्रभावी रहा। झामुमो कार्यकर्ताओं सुबह 8 बजे से ही शहर को बंद कराने सड़कों पर उतर गये। शहर के ग्रीन होटल चौक पर बांस-बल्ला लगा कर एनएच-80 जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी करते रहे। ज्यादातर दुकानें बंद रहीं, वाहनों का आवागमन भी बुरी तरह प्रभावित रहा।