उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद में हुई विधायक महेंद्र भाटी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे बाहुबली नेता डीपी यादव से सुप्रीम कोर्ट ने आने वाली 14 तरीख तक देहरादून जेल में सरेंडर करने को कहा है। इस समय डीपी यादव स्वास्थ्य कारणों से जेल से बाहर है और उन्होंने कोर्ट से गुजारिश की थी कि उन्हें कुछ और दिन जेल से बाहर रहने दिया जाए।
गाजियाबाद से तत्कालीन विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या साल 1992 में की गई थी। इस मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत वर्ष 2016 में ही आरोपियों को आजीवन कारावास और प्रत्येक पर एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुना चुकी थी। इसके बाद ये मामला उत्तराखंड हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। इस बहुचर्चित हत्याकांड में बाहुबली नेता डीपी यादव समेत चार को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने बीमारी और इलाज पर उठाया था सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 18 सितंबर को डीपी यादव को सर्जरी कराने के लिए 15 दिन की अंतरिम जमानत दी थी लेकिन उन्हें वायरल फीवर हो गया और सर्जरी नहीं हो पाई। इसके बाद डीपी यादव ने दो हफ्ते पहले कोर्ट से वायरल फीवर होने के कारणों से 15 दिन की छुट्टी बढ़ाने की मांग की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा था आपको किस तरह का वायरल फीवर है कि डॉक्टरों ने सिर्फ पैरासिटामॉल टैबलेट्स लेने की ही सलाह दी और आगे कहा था कि डॉक्टरों को सर्जरी करने दें और यदि नहीं हैं तो फिर वापस जेल जाएं।'
अंतत: 19 अक्टूबर को डीपी यादव की स्पाइनल सर्जरी हुई। वे 3 नवंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 3 नवंबर को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद डीपी यादव दो सप्ताह अपने परिवार के साथ रहेंगे और 19 नवंबर को देहरादून जेल में सरेंडर करेंगे।