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योगी सरकार के हेरिटेज कैलेंडर में मिली ‘ताजमहल’ को जगह, गोरखनाथ मंदिर भी शामिल

दुनिया के सात अजूबे में शामिल ताजमहल को राज्य की टूरिज्म बुकलेट में शामिल नहीं किए जाने के बाद अब...
योगी सरकार के हेरिटेज कैलेंडर में मिली ‘ताजमहल’ को जगह, गोरखनाथ मंदिर भी शामिल

दुनिया के सात अजूबे में शामिल ताजमहल को राज्य की टूरिज्म बुकलेट में शामिल नहीं किए जाने के बाद अब योगी सरकार ने अपने हेरिटेज कैलेंडर में ताजमहल को जगह दे दी है। राज्य के हेरिटेज कैलेंडर को धनतेरस पर जारी किया गया है। इस हेरिटेज कैलेंडर में ताजमहल को जुलाई महीने के पेज पर छापा गया है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की फोटो है। कैलेंडर पर बीजेपी का स्लोगन- 'सबका साथ, सबका विकास' लिखा है।

राज्य द्वारा जारी किए गए हेरिटेज कैलेंडर में गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर को भी शामिल किया गया है। न सिर्फ गोरखनाथ मंदिर को ही बल्कि बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर, विंध्याचल, मथुरा के बरसाने की होली, कृष्ण जन्मस्थली, झांसी का किला और सारनाथ को भी इसमें जगह मिली है। अयोध्या की राम की पैड़ी, इलाहाबाद का त्रिवेणी संगम और पीलीभीत का गुरुद्वारा भी इस कैलेंडर भी शामिल है।

भारतीय मजदूरों के खून-पसीने से बना है ताजमहल

बता दें कि ताजमहल को लेकर भाजपा के विधायक संगीत सोम द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद मंगलवार को योगी आदित्यनाथ ने कहा, ताजमहल भारत के मजदूरों के खून और पसीने से बना है। ताजमहल को किसने बनाया और बनाने की वजह क्या थी, ये मायने नहीं रखता। ताजमहल हमारे लिए बहुत अहमियत रखता है, खासकर टूरिस्ट के लिए। हमारी प्राथमिकता यही है कि वहां सुविधाएं हों और टूरिस्ट सुरक्षित रहें।

सोमवार को संगीत सोम ने कहा था, कुछ लोगों को दर्द हुआ जब ताजमहल का नाम ऐतिहासिक स्थलों में से निकाल दिया गया। ये कैसा इतिहास, किस काम का इतिहास जिसमें अपने पिता को ही कैद कर डाला था।

ताजमह पर क्यों शुरु हुआ विवाद

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की टूरिज्म मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए बुकलेट में कुशीनगर, गोरखनाथ मंदिर जैसे कई स्थानों को शामिल किया गया, लेकिन ताजमहल का जिक्र नहीं किया गया। इस पर वि‍वाद शुरू हो गया।

 

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