तेलंगाना सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए सीरआरपीएफ जवानों के परिवारों को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। तेलंगाना विधानसभा और विधान परिषद में पुलवामा हमले पर एक निंदा प्रस्ताव पास किया गया और शहीदों के परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की गई। बजट सत्र के पहले दिन तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने विधानसभा में इसका प्रस्ताव रखा।
देश के प्रत्येक नागरिक को शहीदों के परिजनों के साथ खड़े रहने की जरूरत
तेलंगाना विधानसभा में बजट सत्र के पहले दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने शहीद जवानों के परिजनों की आर्थिक मदद का प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री ने पुलावामा हमले को अमानवीय करार देते हुए कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को इस वक्त शहीदों के परिजनों के साथ खड़े रहने की जरूरत है। बता दें कि अभी तक विभिन्न प्रदेशों की सरकारों ने अपने राज्य के शहीद जवानों की ही मदद की है, लेकिन तेलंगाना सरकार ने एक कदम आगे बढ़ाते हुए देशभर के शहीदों के परिजनों की सहायता की घोषणा कर दी।
40 जवानों के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा
इससे पहले तेलंगाना विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों ने सीआरपीएफ के शहीद होने वाले 40 जवानों के सम्मान में दो मिनट का मौन भी रखा। पुलवामा हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने ली है। भारत ने पाकिस्तान से पुलवामा आतंकी हमले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
'सिर्फ बातें करने से कोई फायदा नहीं होगा’
सीएम राव ने अप्रत्यक्ष तौर पर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'केवल मुंह से बातें करने से ही कोई फायदा नहीं होगा। हमें शहीद जवानों के परिवारों की रक्षा करनी होगी। पूरे देश को उनके बलिदान को याद रखना चाहिए।' विधानसभा में प्रस्ताव पेश करने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया।
भारत ने पाकिस्तान से छीना मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा
भारत ने इस घटना के बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घेरा है। पाकिस्तान से भारत ने मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा भी छीन लिया है। पाकिस्तान से आयात होने वाले सामान पर अब 200 प्रतिशत टैक्स कर दिया गया है। माना जा रहा है कि इससे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना है।