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शिलांग में पंजाबी और खासी के बीच तनाव,सेना ने 500 लोगों को बचाया

मेघालय की राजधानी शिलांग में तीन दिनों से पंजाबी और खासी समुदाय के दो गुटों में हुई झड़प के बाद से ही...
शिलांग में पंजाबी और खासी के बीच तनाव,सेना ने 500 लोगों को बचाया

मेघालय की राजधानी शिलांग में तीन दिनों से पंजाबी और खासी समुदाय के दो गुटों में हुई झड़प के बाद से ही तनाव जारी है। सेना रविवार को खुद मोर्चा संभाला और पूरे शहर में फ्लैग मार्च किया और हिंसा प्रभावित इलाकों से 500 लोगों को बाहर सुरक्षित निकाला। इनमें 200 महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। रविवार को कुछ इलाकों में कर्फ्यू में छूट दिए जाने की खबर है लेकिन इंटरनेट सेवाएं बंद रखी गई हैं।

समाचा एजेंसी पीटीआइ के अनसार, शिलांग में शुक्रवार को रात भर चली हिंसा के दौरान उग्र भीड़ ने एक दुकान और एक मकान को आग के हवाले कर दिया और कम से कम पांच वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया। इस हिंसा में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी घायल हो गया।  ड्यूटी पर मौजूद एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस अधीक्षक (शहर) स्टीफन रिंजा पर एक रॉड से वार किया गया जिसके बाद उन्हें शिलांग सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। हिंसा में पुलिसकर्मी समेत कम से कम 10 लोग घायल हो गए जिसके बाद इलाके में कथित तौर पर अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठने लगी। वहीं, शहर के अशांत मोटफ्रन इलाके में पत्थरबाजों ने राज्य पुलिसकर्मियों पर हमला किया। 

अधिकारी ने बताया कि उपद्रवियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए लेकिन दूसरे हिस्से के लोगों ने इसे पुलिस की गोलीबारी समझ लिया। गुरुवार को वार को थेम मेटोर इलाके में स्थानीय लोगों के एक समूह ने बस के एक सहायक से कथित तौर पर मारपीट की थी जिसके बाद झड़प शुरू हो गई थी। 


अधिकारियों ने बताया कि इस झड़प ने तब और उग्र रूप ले लिया जब सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैलाई गई कि घायल सहायक की मौत हो गई जिससे थेम मेटोर में बस चालकों का समूह इकट्ठा हो गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। बस सहायक और तीन अन्य घायलों को अस्पताल ले जाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। 

उन्होंने बताया कि तीन स्थानीय लड़कों के साथ हुई मारपीट में शामिल एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके साथियों की तलाश की जा रही है।  मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने शनिवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने और शिलांग में स्थिति सामान्य बनाने की अपील की। 

इस बीच खासी छात्र संघ (केएसयू), फेडरेशन ऑफ खासी जयंतिया एंड गारो पीपुल (एफकेजेजीपी) और हनीट्रेप यूथ काउंसिल ने स्थानीय लड़कों के साथ मारपीट में शामिल लोगों को सजा दिलाने और थेम मेटोर में अवैध रूप से रह रहे लोगों को हटाने की मांग की। 

क्या है विवादः विवाद की मूल वजह है कि बड़ा बाजार इलाके में कथित तौर पर बस चलाने वाले एक खासी समुदाय के ड्राइवर ने पंजाबी मूल की एक लड़की के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की। उसके बाद लड़की के जानने वालों ने उस लड़के की बुरी तरह से पिटाई कर दी। उस वक़्त मामला पुलिस में पहुंचा तो शांत हो गया लेकिन रात होते होते आगजनी और तोड़फोड़ शुरू हो गई। शिलांग के 101 या आर्मी कैंट इलाके के आसपास तकरीबन 200 पंजाबी परिवार रहते हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से आर्मी कैंट में ठहराया गया है।

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