महाराष्ट्र में ठाणे पुलिस ने विवादास्पद पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जो पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पहले से ही कई मामलों का सामना कर रहे हैं। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, संत ने 29 सितंबर को गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) के हिंदी भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। बता दें कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के अध्यक्ष की शिकायत के आधार पर ठाणे में मुंब्रा पुलिस ने 3 अक्टूबर को उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।
मुंब्रा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव को नुकसान पहुंचाने वाले कार्य करना), 197 (राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोप और दावे), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) और 302 (जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्दों का उच्चारण करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। नरसिंहानंद के खिलाफ कई राज्यों में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की गई है।
अधिकारियों के अनुसार, पुजारी के खिलाफ महाराष्ट्र के अमरावती शहर में भी प्राथमिकी दर्ज की गई है, जहां नागपुरी गेट पुलिस थाने के बाहर उनकी टिप्पणी के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए थे, जिसमें शुक्रवार रात भीड़ द्वारा पथराव के दौरान 21 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और 10 पुलिस वैन क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
नरसिंहानंद की टिप्पणी से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले और अन्य राज्यों में विरोध प्रदर्शन हुआ था। गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर के बाहर शुक्रवार रात को उनके भड़काऊ बयानों के वीडियो ऑनलाइन आने के बाद उनके खिलाफ भारी भीड़ जमा हो गई, जिसके बाद परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई।
नरसिंहानंद के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं, जिनमें दिसंबर 2021 में हरिद्वार (उत्तराखंड) में एक सम्मेलन में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देना भी शामिल है और वह जमानत पर बाहर थे।
जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि वे संत की "ईशनिंदात्मक" टिप्पणियों की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि उन्हें तुरंत गिरफ्तार किया जाए।
उन्होंने कहा, "मुसलमानों को यह याद रखना चाहिए कि कुछ अज्ञानी और नीच व्यक्तियों के घृणित शब्दों से पैगंबर मुहम्मद का कद और सम्मान कम नहीं हो सकता। हमें ऐसे उकसावे के सामने शांत रहना चाहिए और इन उकसावों का बुद्धिमत्ता, धैर्य और गरिमा के साथ मुकाबला करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हम समुदाय से आग्रह करते हैं कि वे पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं, नैतिकता और महान गुणों को विभिन्न भाषाओं में बढ़ावा देने के लिए सार्थक कदम उठाएं, ताकि शांति और करुणा का सच्चा संदेश देश के हर कोने तक पहुंचे। केवल ऐसे प्रयासों के माध्यम से ही हम आपसी सम्मान और सद्भाव पर आधारित समाज का निर्माण कर सकते हैं।"