कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने चीन मामले में विदेश मंत्रालय द्वारा दिए बयान को जोड़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी के बयान को "देश का सबसे बड़ा और राष्ट्र को गुमराह करने वाला झूठा बयान" बताया है। उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव द्वारा दिया गया बयान कि ‘‘इस मकसद को हासिल करने की दिशा में कुछ प्रगति हुई है लेकिन अभी तक सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सैनिकों की वापसी पूरी तरह से नहीं हुई है’’। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का यह बयान देश से प्रेम करने वाले किसी भी देशप्रेमी भारतीय के लिए पीड़ादायक है।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि चीन की तरफ से पैंगोंग लेक, गोगरा, हाॅट स्प्रिंग, गलवन वैली और देसपांग में नयी एल.ए.सी. निर्धारित करने की कोषिष हो रही है। चीन ने भारतीय सीमा का जितना अतिक्रमण किया था उससे थोड़ा पीछे तो हटा है किन्तु वास्तविक तौर पर अभी भी वह एल.ए.सी. के काफी भीतर है।
तिवारी ने कहा है कि यदि चीन एल.ए.सी. के इस तरफ भारत भूमि के अन्दर है तो प्रधानमंत्री मोदी का वह बयान कि ‘‘न तो कोई हमारी सीमा में घुसा है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है’’। यह देश का सबसे बड़ा ‘‘राष्ट्र को गुमराह’’ करने वाला झूठा बयान है। ‘‘सेटेलाइट’’ की तस्वीरें भी भारतीय विदेष मंत्रालय के कथन का समर्थन कर रही है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी इस तरह का झूठा बयान देकर देश को क्यों गुमराह कर रहे हैं ? यह देश की जनता के विष्वास पर गहरा आघात है। प्रधानमंत्री मोदी को देश के सामने ‘‘सेटेलाइट’’ की फोटो के साथ स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए।
श्री तिवारी ने कहा कि एल.ए.सी. पर विदेष मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव द्वारा दिया गया बयान और सी.बी.आई. अदालत द्वारा सुनाई गयी सजा से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की कथनी- करनी में कितना अंतर है? उनका देश प्रेम कितना सच्चा है? और उनका बयान देष की जनता को किस कदर गुमराह करने वाला है ? ‘‘ताबूत घोटाले’’ के साथ-साथ इस रक्षा सौदे में अदालती फैसले ने भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रवादी चेहरा उजागर कर दिया है, कहने को तो वह बड़ी लम्बी- लम्बी बातें करती है किन्तु उसकी सच्चाई ‘‘ये’’ है। भाजपा के शीर्ष नेतृृत्व को इसके लिये देश की जनता से क्षमा याचना करनी चाहिए।