उन्नाव रेप केस की पीड़िता बुधवार को दावा किया कि सुरक्षा के नाम पर उसे जेल जैसे हालात में रखा गया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीड़िता ने कहा, “मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील करती हूं कि वह मुझे न्याय दिलाएं। जिलाधिकारी ने मुझे होटल के एक कमरे में कैद कर दिया है। होटल के कर्मी यहां तक कि हमें पानी और भोजन नहीं दे रहे हैं। हमें बाहर भी नहीं जाने दिया जा रहा। मैं चाहती हूं कि दोषियों को सजा मिले।”
पीड़ित लड़की का आरोप है कि भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके भाई ने 2018 जून में उसके साथ बलात्कार किया।
इससे पहले पीड़िता ने कहा, “सरकार यदि हमारा साथ नहीं देगी तो हम आत्महत्या कर लेंगे।” बता दें कि पीड़िता कुछ दिनों पहले मुख्यमंत्री आवास के पास एक बार आत्महत्या का प्रयास कर चुकी है।
गौरतलब है कि पीड़िता के पिता की सोमवार को पुलिस हिरासत में मौत हो जाने के बाद सुरक्षा के मद्देनजर प्रशासन ने पीड़िता और उसके परिवार को एक होटल में रखा है।
सुप्रीम कोर्ट उन्नाव रेप केस मामले की सुनवाई के लिए राजी हो गया है। इस मामले में एक वकील की ओर से याचिका दी गई थी, जिसमें उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने और पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है। इस पर अगले सप्ताह सुनवाई हो सकती है।
वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई के लिए 12 अप्रैल की तारीख तय की है। कोर्ट ने इस मामले में एमिकस क्यूरी को भी नियुक्त किया है। मामले में मुख्य आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह हैं और इस संबंध में याचिका अधिवक्ता मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि रेप पीड़िता के पिता को 'सत्तारूढ़ पार्टी' के इशारे पर मारा-पीटा गया, जिससे पुलिस हिरासत में उनकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव में आरोपी का नाम शिकायत में शामिल नहीं किया गया। याचिका में यह भी कहा गया है कि दबाव के कारण राज्य पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर पाएगी।