ये बिस्किट दस-दस ग्राम वजन के हैं, जिनकी संख्या कई दर्जन बताई जा रही है। वासवानी और उनके परिवारजनों के आठ बैंक लॉकरों की जांच आयकर विभाग की टीमें कर रही हैं। वहीं नोटबंदी के बाद खोले गए बैंक खातों की जांच अभी चल रही है।
सूत्र बताते हैं कि वासवानी के महानगर कोऑपरेटिव बैंक में 10 हजार खातेदार हैं। नोटबंदी के बाद जमा हुई बड़ी राशि व 1000-500 के पुराने नोटों के कई लेन-देन वाले खातों की जांच की जा रही है। दो दिन की कार्रवाई में आयकर विभाग को वासवानी के यहां से कई संदिग्ध दस्तावेज भी मिले हैं, जिनमें उनकी कई संपत्तियों के साक्ष्य मिलने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि महानगर कोऑपरेटिव बैंक के संचालक मंडल की भूमिका को लेकर भी आयकर विभाग जांच कर रहा है। वासवानी के ठिकानों पर पड़े छापों में करोड़ों रुपये मिले थे जिसके बाद वह अचानक चर्चा में आ गए।(एजेंसी)