नैनीताल जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट नेशनल पार्क का नाम जल्द ही बदला जाएगा। केंद्र सरकार की मंशा इसका नाम रामगंगा नेशनल पार्क करने की है। इसका इशारा केंद्रीय वन मंत्री अश्वनी चौबे ने किया है।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री चौबे ने इस पार्क का दौरा किया था। उन्होंने वन अफसरों ने इसके बारे में विस्तार से जानकारी ली। उऩ्होंने अफसरों के साथ बातचीत में इस पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क ऱखे जाने पर भी चर्चा की। बाद में जाते वक्त उन्होंने पार्क की विजिटर बुक पर अपने अनुभव लिखे तो उन्होंने इस रामगंगा नेशनल पार्क ही लिखा। माना जा रहा है कि अब केंद्र सरकार जल्द ही जिम कार्बेट नेशनल पार्क का नाम रामगंगा नेशनल पार्क ऱखने की अधिसूचना जारी कर देगी।
यहां बता दें कि जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय पार्क है। इसे 1936 में लुप्तप्राय बंगाल बाघ के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया था। यह उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के रामनगर नगर के पास स्थित है। इसका नाम विश्व प्रसिद्ध शिकारी जिम कॉर्बेट के नाम पर रखा गया था। यह रामगंगा की पातलीदून घाटी में 1319 वर्ग किलोमीटर में बसा हुआ है। इसके अंतर्गत 922वर्ग किलोमीटर का जिम कॉर्बेट व्याघ्र संरक्षित क्षेत्र भी आता है। यह एक इकोटोरिज़्म गंतव्य भी है।
कॉर्बेट एक लंबे समय से पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है। कोर्बेट टाइगर रिजर्व के चयनित क्षेत्रों में ही पर्यटन गतिविधि को अनुमति दी जाती है ताकि लोगों को इसके शानदार परिदृश्य और विविध वन्यजीव देखने का मौका मिले। यहां शीतकालीन रातें ठंडी होती हैं लेकिन दिन धूपदार और गरम होते हैं। यहां जुलाई से सितंबर तक बारिश होती है।