राजस्थान के शिक्षा विभाग ने स्कूलों को लेकर एक अजीब फरमान जारी कर बच्चों को संस्कारी बनाने का अनोखा तरीका सुझाया है। शिक्षा विभाग ने स्कूल के अतिरिक्त पाठयक्रम की गतिविधियों की सूची प्रस्तुत की है, जिसमें कहा गया है कि स्कूलों में शनिवार को बाबाओं का प्रवचन होगा।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गई इस सूची में कहा गया कि महीने के तीसरे शनिवार को स्कूल में बच्चों को बाबाओं और संतो के प्रवचन सुनाए जाएंगे। इस तरह के आयोजन करने के पीछे विभाग का तर्क है कि इस प्रकार के आयोजन से स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ बच्चे संस्कार भी सीख सकते हैं।
विभाग की सूची के मुताबिक, स्कूल में पहले शनिवार को किसी बाबा या संत को बुलाकर स्कूल में प्रवचन और जानकारी दी जाएगी। इसी तरह तीसरे शनिवार को राष्ट्रीय महत्व के समसामयिक समाचारों पर चर्चा कि जाएगी । महीने के चौथे शनिवार को साहित्य और महाकाव्यों पर प्रश्न और उत्तर पूछने का कार्य किया जाएगा । यदि किसी महीने में पांचवा शनिवार भी पड़ जाए तो उस दिन स्कूल में नाटक मंचन किया जाएगा।
Rajasthan Education Department issues a list of extra-curricular activities for schools of the state which also enlists that on third Saturday of every month, the students will hear sermons from saints in the school premises.
— ANI (@ANI) June 12, 2018
वैसे तो पहले भी राज्य के स्कूलों में इस प्रकार के आयोजन होते थे, लेकिन लापरवाही के चलते विभाग ध्यान नहीं देता था। मगर इस बार विभाग ने अतिरिक्त पाठयक्रम की गतिविधियों की सूची स्कूलों के लिए जारी की है।
अक्सर इस प्रकार के आयोजन में बाल सभा की जाती है, जिनमें बच्चों को बाल संरक्षण से संबंधित फिल्में दिखाना, चित्रकला प्रतियोगिता करवाना आदि जैसे कार्य किए जाते हैं। इस प्रकार के कार्यों के माध्यम से बच्चों के अंदर बाल संरक्षण के संबंध में जागरुकता पैदा की जाती है।