जहरीली शराब से प्रदेश के दो जिलों में करीब 90 लोगों की मौत पर विपक्ष के हमले से भाजपा बैकफुट पर है। भाजपा की ओर से घटना के प्रति दुख और संवेदनशीलता तो जाहिर की जा रही है, लेकिन इतनी बड़ी घटना के बावजूद शासन स्तर पर किसी बड़े अधिकारी पर कार्यवाही से परहेज किया जा रहा है। चुनावी सीजन में विपक्ष को जहरीली शराब से हुई मौतों पर सरकार को घेरने का मुद्दा मिल गया है।
जहरीली शराब से सहारनपुर और कुशीनगर जिले में मौतों के बाद हरकत में आए शासन ने अवैध शराब के खिलाफ अभियान चला रखा है। दो दिनों में 1157 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। 12 सौ 57 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और साढ़े छह लाख लीटर शराब जब्त की गई है। इसके अलावा शासन की ओर से प्राथमिक जांच के बाद सहारनपुर जिले के देवबंद और कुशीनगर जिले के तमकुहीराज सीओ को निलंबित कर दिया गया है। खास बात यह है कि सरकार एक ओर कार्यवाही में तेजी दिखा रही है तो दूसरी ओर सहारनपुर या कुशीनगर में सरकार या संगठन का कोई प्रतिनिधि नहीं पहुंचा, जिससे लोगों में गम और गुस्सा है। जबकि आबकारी मंत्री जयप्रताप सिंह रविवार को लखनऊ में स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह के यहां एक कार्यक्रम में पहुंचे और रात में एक शादी समारोह में शिरकत की। आबकारी मंत्री की रविवार को प्रेसवार्ता भी थी, लेकिन उसे निरस्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी का फोन आने के बाद प्रेसवार्ता निरस्त किया गया। चूंकि सोमवार को विधानसभा में जहरीली मौतों से संबंधित जवाब विधानसभा में देना है, इसलिए वह सहारनपुर या कुशीनगर नहीं गए। शराब से मौतों पर सपा, बसपा और कांग्रेस ने हमला तेज कर दिया है। इसके अलावा विधानसभा और विधान परिषद सत्र की कार्यवाही भी इस समय चल रही है, इसलिए उम्मीद है कि विपक्ष दोनों सदनों में मसले को लेकर हंगामा करेगा।
बिहार में शराबबंदी के कारण हो रही तस्करी
बिहार में शराबबंदी होने के कारण यूपी, हरियाणा और पंजाब से तस्करी कर शराब बिहार पहुंचाई जा रही है। ऐसे ही वेस्ट यूपी में तस्करी कर हरियाणा और पंजाब से शराब पहुंचाई जा रही है। यह सिलसिला कई सालों से चल रहा है। इसके अलावा यूपी से सटे बिहार के सीमावर्ती जिलों में शराब की बिक्री भी बढ़ी है। जबकि यूपी पुलिस के एक बड़े अधिकारी का हाल ही में बयान आया था कि कुशीनगर जिले में बिहार से शराब लाई गई थी। हालांकि यह अभी तय नहीं हो पाया है कि शराब बिहार से आई थी या यूपी की ही थी, लेकिन उनके इस बयान पर जदयू के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने पलटवार किया है और आरोप लगाया है कि शराब माफिया को यूपी सरकार का संरक्षण है।
जांच के लिए एसआईटी गठित, 10 दिन में देगी रिपोर्ट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुशीनगर और सहारनपुर जिले की घटनाओं के दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि दोषियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायगा। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में जांच के लिए शासन द्वारा एक विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) गठित किया गया है। एसआईटी को 10 दिन में अपनी आख्या देने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी रेलवे संजय सिंघल, मंडलायुक्त गोरखपुर अमित गुप्ता, पुलिस महानिरीक्षक गोरखपुर परिक्षेत्र जय नारायन सिंह, मंडलायुक्त सहारनपुर चंद्रप्रकाश त्रिपाठी और पुलिस महानिरीक्षक सहारनपुर शरद सचान एसआईटी के सदस्य हैं। विशेष अनुसंधान दल प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण कर और पीड़ित परिवारों से मिलकर घटना के विस्तृत कारणों का पता लगाएगा। यह भी छानबीन करेगा कि घटनाओं के पीछे कोई साजिश तो नहीं और इसके पीछे कौन-कौन लोग हैं। पूर्व में हुई ऐसी घटनाओं की समीक्षा करेगा। आबकारी विभाग, प्रशासन और पुलिस द्वारा की गई कार्यवाई की समीक्षा करेगा और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की संस्तुति करेगा। ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, विशेष अनुसंधान दल इस सम्बन्ध में भी संस्तुति करेगा।