सूबे को पर्यटक प्रदेश बनाने के दावा करने वाली सरकार के विभागीय मंत्री सतपाल महाराज ने आज विधानसभा में प्रश्नकाल में एक कड़वा सच स्वीकारा है। उन्होंने विधायकों के सवालों के जवाब में कहा कि नए पर्यटक स्थल कई स्थानों पर विकसित हो सकते हैं। लेकिन सरकार का इस बारे में कोई भी विचार नहीं हैं। मंत्री ने यहां तक कहा कि सूबे में आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह की कोई शिकायत ही नहीं है।
एक विधायक के सवाल पर पर्यटन मंत्री महाराज ने स्वीकारा कि सुरूताल, सुतुड़ी बुग्याल, कुंडका बुग्याल, भौकनाथ टिब्बा के साथ ही चिन्यालीसौड़ झील को पर्यटन के लिहाज से नए स्थल के रूप में विकसित करने की अपार संभावानाएं हैं। लेकिन इस बारे में किसी भी तरह का कोई भी प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।
मंत्री ने माना कि रुड़की को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की तमाम संभावनाएं हैं। लेकिन अभी तक इस बारे में सरकार के पास कोई भी योजना नहीं है। इसी तरह मंत्री ने एक विधायक के सवाल पर यह स्वीकार किया कि अल्मोड़ा के मानीला क्षेत्र को भी एक नए पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। लेकिन उस क्षेत्र में अधिकांश जमीन वन विभाग की है। ऐसे में इस स्थल को नए पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की कोई योजना विचाराधीन नहीं हैं।
एक विधायक ने जानना चाहा कि जिम कार्बेट पार्क में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए जसपुर रेंज का गेट खोलने पर सरकार का क्या इरादा है। इस पर मंत्री ने कहा कि इस रेंज को खोलने की कोई भी योजना नहीं है।
एक विधायक ने सवाल किया कि सूबे की सीमा पर पर्यटन सूचना केंद्र न होने से आने वालों को तमाम दिक्कते हो रहीं हैं। क्या सरकार ये केंद्र खोलेगी। इस पर मंत्री ने जो जवाब दिया वो बेहद चौंकाने वाला हैं। मंत्री सतपाल महाराज ने सदन को बताया कि सूबे में आने वाले पर्यटकों को किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं है। लिहाजा सीमा पर इस तरह के केंद्र खोलने की कोई योजना नहीं है।